नागपुर सिटीज़न्स फोरम ने नागपुर शहर के गार्डन में प्रवेश और पार्किंग के लिए शुल्क लगाने का विरोध किया । फोरम ने नागपुर शहर के पार्कों में विरोध आंदोलन शुरू करते हुए नागरीको का हस्ताक्षर अभियान चलाया। जिसकी शुरुआत सुयोगनगर स्थित मनपा के महात्मा फुले पार्क से विरोध आंदोलन कर की गई , जिसमे हर रोज पार्क में आने वाले नागरिक में शामिल हुए।
नागरिकों ने महानगरपालिका के व्यावसायीकरण नीति का विरोध किया । लोगों ने तख्तियां पकड़कर मनपा के खिलाफ यह कहते हुए विरोध किया कि वे मनपा पार्कों का व्यावसायीकरण नहीं चाहते हैं, हम प्रवेश और पार्किंग शुल्क का भुगतान नहीं करेंगे। इस समय हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया। नागरिकों ने नगर निगम की नीति के खिलाफ हस्ताक्षर किए।
नागपुर सिटिझन्स फोरम की ओर से आंदोलन में गजेंद्र सिंह लोहिया, प्रतीक बैरागी, वैभव शिंदे पाटिल, अभिजीत सिंह चंदेल, अभिजीत झा, अमित बंदुरकर और साईदुत अनूप उपस्थित थे।
नागपुर शहर में पार्कों के संचालन और रखरखाव का काम निजी व्यक्तियों और संस्थाओ को सौंपने का प्रस्ताव मनपा स्थायी समिति के विचाराधीन है। प्रस्ताव के तहत, शहर के पार्कों का व्यवसायीकरण किया जाएगा और नागरिकों से प्रवेश और पार्किंग शुल्क लिया जाएगा। इसके अलावा, ठेकेदार को इन पार्कों में रेस्तरां, खाद्य पदार्थों और विभिन्न वस्तुओं को बेचने वाले स्टालों को किराए पर देने की अनुमति दी जाएगी। इसके अलावा, ठेकेदारों को सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए किराये के आधार पर पार्क उपलब्ध कराने की अनुमति होगी।
प्रवेश शुल्क के नाम पर, पार्कों में चलने के लिए नागरिकों से 5 से 10 रुपये और पार्किंग के लिए 10 से 20 रुपये लिए जाएंगे। नागरिकों को यह बोझ उठाना पड़ेगा। इसके अलावा, पार्कों में मुफ्त योग कक्षाएं, नृत्य योग, लाफ्टर क्लब, ग्रीन जिम, सभी को एक अलग व्यवसाय शुल्क का भुगतान करना होगा। ऐसा इस दौरान नागपुर सिटिझन्स फोरम के माध्यम से कुछ नागरिको ने कहा।
व्यावसायीकरण पार्क में हरियाली को नष्ट कर देगा और इसे लॉन का रूप देगा। जिस कारण बगीचे में पेड़ों और फूलों के पौधो को गंभीर नुकसान होगा। गजेंद्र सिंह लोहिया ने आशंका व्यक्त की है कि निजी ठेकेदार पार्कों का मनमाना उपयोग करेंगे। उन्होंने मांग की कि महानगरपालिका पार्कों का व्यवसायीकरण करके उन्हें नष्ट न करे।
नागरिक महानगर पालिका को टैक्स का भुगतान करते हैं। इस टैक्स के माध्यम से बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना मनपा की जिम्मेदारी है। अभिजीत झा ने कहा है कि पार्क में प्रवेश के लिए शुल्क लेने की नीति अन्यायपूर्ण है। ऐसा इस दौरान नागरिको से कहा गया।
मेयर दयाशंकर तिवारी ने पदभार संभालते ही मनपा की परियोजनाओं के निजीकरण के लिए कदम उठाये है, वैभव शिंदे पाटिल ने कहां कि महापौर को पार्कों के व्यावसायीकरण की जिद छोड़ देनी चाहिए और ध्यान रखना चाहिए कि नागरिकों को परेशान नहीं किया जाएगा।
नागपुर सिटीझन्स फोरम ने पार्कों के निजीकरण और व्यावसायीकरण के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया । जिसके तहत प्रतिदिन विभिन्न पार्कों में जाकर जागरूकता और हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा। पार्क में आने वाले नागरिकों के हजारों हस्ताक्षरों ज्ञापन जल्द ही निगम आयुक्त, महापौर और स्थायी समिति अध्यक्ष को दिया जाएगा। जनप्रतिनिधियों और नगरसेवकों का घेराव और महानगर पालिका मुख्यालय पर आंदोलन का दूसरा चरण होगा।