मार्च के महीने में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से नागपुर समेत राज्य के कई जिलों में फसलों को नुकसान पहुंचा था. राज्य सरकार की ओर से भी सहायता की घोषणा की गई थी. लेकिन नागपुर जिला इसमें शामिल नहीं है. आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है कि उपमुख्यमंत्री के जिले को सहायता से बाहर रखा गया है. इससे किसानों को निराशा हुई है.
मार्च के महीने में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने कहर बरपाया था. इससे गेहूं, चना, संतरा, आम समेत सब्जी की फसल को नुकसान हुआ है. इस दौरान सरकार ने पंचनामा कर रिपोर्ट भेजने का आदेश दिया था. हड़ताल के दौरान भी राजस्व व कृषि विभाग के अधिकारियों ने पंचनामा किया.प्रारंभिक सर्वे में सात हजार से अधिक फसलों के खराब होने की बात सामने आई थी. फाइनल रिपोर्ट में यह आंकड़ा चार हजार हो गया.
इस बीच, सरकार ने सहायता राशि बढ़ा दी. खरीफ मौसम के दौरान भारी बारिश और बाढ़ ने किसानों को प्रभावित किया. कुछ फसल हाथ में आ गई. लेकिन कीमत नहीं मिलने के कारण किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा. रबी मौसम में अच्छी फसल की उम्मीद थी. लेकिन बेमौसम बारिश और ओलों ने पानी फेर दिया. इसलिए सरकार से मदद की उम्मीद थी.
सूत्रों से जानकारी मिली कि मार्च माह में 4 हजार हेक्टेयर में क्षति की रिपोर्ट सरकार को भेजी जा चुकी है.
सरकार ने 10 अप्रैल को मार्च महीने में हुए नुकसान की भरपाई के लिए राहत देने का आदेश जारी किया था.
संभाग का एक जिले का समावेश नहीं
इस आदेश में नागपुर संभाग का कोई जिला शामिल नहीं है. इसलिए नागपुर के प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया लगता है. दिलचस्प बात यह है कि नागपुर के जिला पालक मंत्री, उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री हैं. वे हैरान हैं कि उनके अपने जिले को सहायता से बाहर कर दिया गया है.
Sunday, November 24, 2024
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