नई दिल्ली. भारत में कोरोना की तीसरी लहर लगातार कमजोर पड़ रही है. देश भर में अब कोरोना के एक्टिव मामलों की संख्या भी पचास हजार से नीचे आ गई है. ऐसे में स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी कोरोना को लेकर बड़ी राहत का अनुमान लगा रहे हैं. महामारी विशेषज्ञ डॉ.टी. जैकब जॉन का कहना है कि भारत में कोरोना की तीसरी लहर अपने अंतिम चरणों में है और अब कोरोना की चौथी लहर नहीं आएगी. उन्होंने कहा कि मुझे इसका भरोसा है. हालांकि किसी नए वैरिएंट के विस्फोट पर ऐसा कुछ हो सकता है, लेकिन निकट भविष्य में ऐसी कोई संभावना नहीं दिख रही.
मंगलवार को आये कोरोना आंकड़ों ने मुताबिक, बीते एक दिन में कोरोना के 3993 नए मामले मिले हैं. मंगलवार का आंकड़ा पिछले 662 दिनों में सबसे कम है. 2022 में 21 जनवरी के बाद से कोरोना के मामलों में गिरावट का दौर जारी है. उस समय देश में कोरोना के कुल मामले 347254 थे, जो अब 50 हजार से भी कम बचे हैं. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के वायरोलॉजी सेंटर के पूर्व निदेशक डॉ.जॉन का कहना है कि देश में कोरोना की तीसरी लहर कमजोर हो रही है. इन आंकड़ों से यह साफ है कि यह पैंडेमिक अब एंडेमिक में तब्दील हो गया है. कोरोना की स्थिति को बताते हुए डॉ.जॉन ने कहा कि मेरा मानना है कि कोरोना महामारी अब कमजोर हो गई है और एनडेमिक में बदल गई है. पिछले 4 सप्ताहों से कोरोना के मामलों में गिरावट का दौर जारी है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से पूरे देश में कोरोना के केसों में गिरावट दिख रही है, उससे आने वाले एक सप्ताह में और स्थिति बदलेगी. एनडेमिक वह स्थिति है, जब लोग वायरस के साथ जीना सीख जाते हैं और उससे निपटने के लिए उनकी शरीर में एंटीबॉडी बन जाती है.
नया वेरिएंट डेवलप होने से बदल सकते है हालात
तीसरी लहर के न आने के अनुमान के गलत साबित होने को लेकर डॉ.जॉन ने कहा कि उस समय के मुताबिक वह अनुमान लगाए जा रहे थे, लेकिन नया वैरिएंट ओमिक्रॉन आ गया और हालात बदल गए. उन्होंने बताया कि अब तक मिले कोरोना के अगल-अलग वैरिएंट से अगर कोई नया वैरिएंट डेवलप होता है तो फिर से हालातों में तब्दीली आ सकती है.