नई दिल्ली। (एजेंसी)। महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और उद्धव सरकार में मंत्री नवाब मलिक के इस्तीफे की मांग तेज होती जा रही है। बुधवार को नवाब मलिक के इस्तीफे की मांग को लेकर विरोध मार्च निकाल रहे बीजेपी के नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और पार्टी के अन्य नेताओं को हिरासत में ले लिया गया। मुंबई की एक विशेष अदालत ने महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक को भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उसके सहायकों की गतिविधियां से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में सोमवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। मलिक को प्रवर्तन निदेशालय ने दक्षिण मुंबई स्थित अपने आॅफिस में करीब पांच घंटे तक पूछताछ करने के बाद 23 फरवरी को गिरफ्तार कर लिया था। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता को सोमवार को ईडी की उनकी हिरासत खत्म होने पर विशेष न्यायाधीश आरएन रोकड़े के समक्ष पेश किया गया। अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया, क्योंकि जांच एजेंसी ने उनकी और रिमांड नहीं मांगी थी। ईडी का मामला हाल में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा दाऊद इब्राहिम और अन्य खिलाफ दर्ज प्राथमिकी पर आधारित है। एनआईए ने गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून (यूएपीए) की धाराओं के तहत आपराधिक शिकायत दर्ज की थी।
केंद्रीय एजेंसियां फडणवीस के लिए
काम कर रहीं : शरद पवार
वहीं, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने बुधवार को कहा कि इस बात की जांच करने की जरूरत है कि राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस की ओर से पेश किए गए वीडियो रिकॉर्डिंग सही हैं या नहीं, जिस पर राज्य सरकार गौर करेगी। उन्होंने कहा कि अगर रिकॉर्डिंग सही है तो इसका मतलब है कि केंद्रीय एजेंसियां फडणवीस के लिए काम कर रही है, क्योंकि उनके पास राज्य सरकार के कार्यालय में 125 घंटे तक वीडियो रिकॉर्ड करने के लिए इतने संसाधन हैं। पवार ने यह भी कहा कि केंद्रीय एजेंसियां फडणवीस के लिए काम कर रही हैं। बीजेपी की नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की ओर से सत्ता का दुरुपयोग किया जा रहा है, क्योंकि वे एमवीए सरकार को अस्थिर करने में विफल रहे हैं और अपने नेताओं और मंत्रियों को परेशान करने जैसी रणनीति अपनाई है।