नक्सली हिंसा में 36 फीसदी की कमी

नई दिल्ली. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार को लोकसभा को बताया कि 2018 की तुलना में 2022 में वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) या नक्सलवाद से संबंधित हिंसा की घटनाओं में 36 फीसदी की कमी आई है। एक सवाल के जवाब में राय ने कहा कि इस हिंसा में सुरक्षा बलों और नागरिकों के मौत के आंकड़े में 59 फीसदी की कमी आई है।
मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में वामपंथी उग्रवाद से संबंधित हिंसा की घटनाओं में 22 फीसदी की कमी आई है, जबकि इसके परिणामस्वरूप होने वाली मौतों की संख्या में 60 फीसदी की कमी आई है। वामपंथी उग्रवाद से संबंधित हिंसक घटनाओं की संख्या में 2010 के उच्च स्तर की तुलना में 2022 में 76 फीसदी की कमी आई है। मंत्री ने कहा कि परिणामी मौतों (सुरक्षा बलों और नागरिकों) की संख्या भी 2010 में 1,005 के उच्चतम स्तर से 90 फीसदी घटकर 2022 में 98 हो गई है।
2015 में राष्ट्रीय नीति और कार्य योजना को दी गई थी मंजूरी
राय ने कहा, ‘वामपंथी उग्रवाद की हिंसा का भौगोलिक प्रसार भी बाधित हुआ है। हिंसा की रिपोर्ट करने वाले जिले भी 96 (2010) से घटकर 45 (2022) हो गए हैं।’ उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवाद की समस्या से समग्र रूप से निपटने के लिए 2015 में एक राष्ट्रीय नीति और कार्य योजना को मंजूरी दी गई थी, जिसमें सुरक्षा संबंधी उपाय, विकास हस्तक्षेप, स्थानीय समुदायों के अधिकार और हकदारी सुनिश्चित करने के लिए एक बहु-आयामी रणनीति की परिकल्पना की गई।
सुरक्षा के मोर्चे पर केंद्र सरकार केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल बटालियन, प्रशिक्षण, सुरक्षा संबंधी व्यय (एसआरई) और विशेष बुनियादी ढांचा योजना (एसआईएस) जैसी योजनाओं के जरिए धन का प्रावधान, राज्य पुलिस बलों, उपकरणों और हथियारों के आधुनिकीकरण के लिए धन, खुफिया जानकारी साझा कर वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्य सरकारों की सहायता करती हैं। केंद्र सरकार ने वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में सड़कों के निर्माण, मोबाइल टावरों की स्थापना, बैंकों, डाकघरों के नेटवर्क में सुधार, स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाओं सहित विभिन्न उपाय किए हैं।
क्षमता निर्माण के लिए उपलब्ध कराया जाता है धन
मंत्री ने कहा कि सुरक्षा संबंधी व्यय (एसआरई) योजना के तहत प्रभावित राज्यों को वामपंथी उग्रवाद की हिंसा में मारे गए नागरिकों और सुरक्षा बलों के परिवारों को अनुग्रह राशि, सुरक्षा बलों के प्रशिक्षण और संचालन जरूरतों, आत्मसमर्पण करने वाले वामपंथी उग्रवाद के कार्यकर्ताओं के पुनर्वास, सामुदायिक पुलिसिंग, वामपंथी उग्रवादियों द्वारा संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए सुरक्षा बल के कर्मियों और नागरिकों को मुआवजा देने के प्रावधानों के जरिए राज्यों के क्षमता निर्माण के लिए धन उपलब्ध कराया जाता है।

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