स्कुल और स्कूल प्रशासन में हो रहे भ्रष्टाचार से त्रस्त हुए अभिभावकों की ओर से मंगलवार को पत्र परिषद आयोजन किया गया। इस दौरान अभिभावकों का कहना था की स्कूल प्रशासन बच्चो को मोहरा बना कर पैसो की वसूली करने की कोशिश की जा रही है। मंगलवार को अभिभावकों द्वारा हुई पत्रकार परिषद में अभिभावकों का कहना था की शहर में निजी स्कूलों द्वारा की जा रही मनमानी से अभिभावक त्रस्त ओर परेशान है। इस पत्रकार परिषद के जरिये उन्होंने माँग की कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा लिए गए निर्णय के आधार पर एक अध्यादेश जारी करे ओर नए शैक्षणिक सत्र में टूशन फीस को निर्धारित करे. आगे उन्होंने कहा की पुलिस द्वारा अब तक नारायणा विद्यालय , स्कूल ऑफ़ स्कॉर्लर्स अत्रे लेआउट इन दिनों स्कूलो पर उचित कार्यवाही नहीं की गई है। जो जल्द से जल्द करने की मांग इस वक्त अभिभावकों ने की।
इस दौरान अभिभावकों का कहना था की अगर उनकी मांगे पूरी नहीं की गई तो वे भव्य आंदोलन करेंगे। इस वक्त अभिभावकों ने कहा की महाराष्ट्र सरकार एक ही स्कूल में पड़ने वाले बच्चो और उनके पालको के साथ भेदभाव कैसे कर सकती है। RTE के बच्चो को ५० % छूट फीस में दी है ओर वही पढ़ने वाले बाकि बच्चो को फूल फीस भरने के लिए छोड़ दिया। बाकि बच्चो को स्कूल के दया पर छोड़ दिया गया , यह सरकार का बर्ताव निंदनीय ओर शर्मनाक है।