नई दिल्ली. कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकारों के बीच बैठकों का दौर शुरू हो गया है. इसी कड़ी में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के अधिकारियों के साथ इस नए वैरिएंट से बचाव के लिए मंथन किया. इस बैठक में उन्होंने सभी राज्यों को छह सूत्रीय उपाय बताए. उन्होंने इस बैठक में कहा कि अगर राज्य इन उपायों को अपनाता है तो ओमिक्रॉन वैरिएंट के बारे में जल्द से जल्द पता चल सकेगा और इससे निपटने में आसानी होगी. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा कि वे जांच में इजाफा करें ताकि सही समय पर यह पकड़ में आ जाए और केसों का मैनेजमेंट भी किया जा सके. केंद्र ने राज्यों से कंटेनमेंट जोन तैयार करने के लिए कहा है. राज्यों में हर स्तर पर निगरानी बढ़ाने के लिए कहा है. हॉटस्पॉट की निगरानी बढ़ाने के लिए भी कहा गया. इसमे वैक्सीनेशन के कवरेज में इजाफा के साथ ही हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना शामिल है.
परीक्षणों से बच नहीं सकता ओमिक्रॉन वैरिएंट
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि ओमिक्रॉन वैरिएंट आरटी-पीसीआर और रैट परीक्षणों से पहचान में आ सकता है. भूषण ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पर्याप्त बुनियादी ढांचा सुनिश्चित करने और होम आइसोलेशन की निगरानी को बढ़ाने के लिए कहा है.