नागपुर।(नामेस)। पिछले महीने महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देशों का पालन करते हुए खापरखेड़ा थर्मल पावर स्टेशन से निर्माण हो रहे राख को तालाब में डंप करना बंद कर दिया गया है. तदनुसार नंदगांव एवं निकटवर्ती क्षेत्रों में वायु और जल प्रदूषण का स्तर काफी कम हो गया है. दरअसल कुछ दिन पहले एचडीपीई/एलडीपीई लाइनिंग प्रदान किए बिना खापरखेड़ा थर्मल पावर स्टेशन द्वारा नंदगांव राख तालाब में फ्लाई ऐश डंप करने के कारण वायु और जल प्रदूषण की समस्या के संबंध में विभिन्न शिकायतें पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे तक पहुंची थी. उन्होंने इस समस्या को अत्यंत गंभीरता से लिया और महाजेनको अधिकारियों के साथ वायु प्रदूषण और नंदगांव तालाब में राख के निपटान के मुद्दे पर दो बार समीक्षा बैठक बुलाई. उन्होंने महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया. उन्होंने बोर्ड को महाजेनको, महावितरण, खापरखेड़ा थर्मल पावर स्टेशन के राख तालाब में डंप न करने का निर्देश दिया. तदनुसार, बोर्ड ने जल रोकथाम और प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम, 1974 की धारा 33 अ और वायु रोकथाम और प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम, 1981 की धारा 31 अ के तहत दिशा निर्देश जारी किए और थर्मल पावर स्टेशन को नंदगांव तालाब में राख के निपटान की प्रक्रिया को रोकने का निर्देश दिया.महाजेनको प्रबंधन को यह भी चेतावनी दी गई कि निर्देशों का पालन न करने पर उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
बोर्ड के आदेश पर किया गया अमल
महाजेनको प्रशासन ने इन तमाम दिशा निर्देशों को अमल में लाना शुरू कर दिया है और महज़ कुछ ही हफ़्तों में परिसर के जल स्त्रोतों और वातावरण में प्रदुषण में काफी कमी आई है. स्थानीय नागरिकों ने महाजेनको द्वारा ली गई इस पहल पर संतोष जताया है.