दो पत्रकारों शांति का नोबेल पुरस्कार

 एजेंसी. पत्रकारिता और पत्रकारों के लिए यह गौरव का क्षण है. पारंपरिक रूप से पत्रकारिता को ‘नोबल प्रोफेशन’ के रूप में परिभाषित किया गया है. इसी नोबेल प्रोफेशन से जुड़े दो पत्रकारों को इस साल 2021 का शांति का नोबेल पुरस्कार दिया जाना ऐतिहासिक घटना है. नोबेल कमेटी द्वारा ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, जो लोकतंत्र की आवश्यक शर्त है तथा स्थायी शांति की मूलभूत आवश्यकता है, की रक्षा के लिए’ 58 वर्षीय फिलीपींस की पत्रकार मारिया एंजेलिना रेसा और रूस के दिमित्री मुरातोव का चयन पत्रकारिता क्षेत्र के लिए गर्व और गौरव का विषय है. फिलीपींस की प्रथम नोबेल विजेता मारिया दक्षिण पूर्व एशिया मनीला में सीएनएन के प्रमुख खोजी रिपोर्टर के रूप में भी लंबे अरसे तक कार्यरत रह चुकी हैं और फिलीपींस में सरकारी दमन के क्रम में जेल की सजा भी भुगत चुकी हैं पर उनका हौसला ‘सत्य के पक्ष में’ अब भी बुलंद है. दूसरे नोबेल विजेता रूसी पत्रकार, टेलीविजन कार्यक्रम प्रस्तुतकर्ता 60 वर्षीय दिमित्री मुरातोव का पत्रकारिता जीवन का सफर लंबा रहा है. उन्होंने 1993 में रूस में लोकतंत्र समर्थक रूसी भाषा का पत्र नोवोया गजेटा प्रारंभ किया और इसके प्रधान संपादक रहे.

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