नई दिल्ली. गणतंत्र दिवस से पहले एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट के वकीलों को धमकी भरा कॉल मिला है. ये कॉल रिकॉर्ड बताया जा रहा है. इसमें अज्ञात लोगों ने दिल्ली में कश्मीर का झंडा फहराने की धमकी दी गई है. इससे पहले भी खालिस्तानी समर्थकों ने ऐसा ही कॉल कर जान से मारने की धमकी दी थी. गणतंत्र दिवस कार्यक्रम का समय जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे देश की शांति को भंग करने वालों की ओर से नापाक कोशिश की जा रही है. पहले आतंकी हमले का अलर्ट तो अब देश की सर्वोच्च अदालत के वकीलों को धमकी भरे कॉल.दरअसल सुप्रीम कोर्ट के वकीलों को एक बार फिर धमकी भरा कॉल आया है. ये कॉल रिकॉर्ड बताया जा रहा है. गुमनाम नंबर से आए इस ऑटोमेटिक कॉल यानी स्वचालित कॉल के जरिए गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कश्मीर का झंडा फहराने की धमकी दी गई है. ये मामला आर्टिकल 370 से जुड़ा बताया जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट के कुछ एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड को किए गए धमकी भले कॉल में कॉलर ने खुद को इंडियन मुजाहिदीन के सदस्य होने का दावा किया है. इस भेजे गए कॉल में कॉलर ने इस धमकी को आर्टिकल 370 से जोड़कर बताया है। कॉलर ने कहा है कि कश्मीर से अनुच्छेद-370 को निरस्त करने के लिए सुप्रीम कोर्ट उतना ही जिम्मेदार है जितना कि मोदी सरकार. बताया जा रहा है कि इस मामले को लेकर जांच शुरू कर दी गई है.
पहले भी आ चुका है कॉल
ये पहली बार नहीं है जब कि इस तरह का गुमनाम नंबर से धमकी भरा कॉल शीर्ष अदालत के वकीलों को मिला है. इस महीने की शुरुआत में ही वकीलों को यूनाइटेड किंगडम और कनाडा के गुमनाम नंबरों से कॉल आए थे. इन कॉल में पंजाब के हुसैनीवाला फ्लाईओवर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुरक्षा उल्लंघन की जिम्मेदारी ली गई थी.
सिख फॉर जस्टिस होने का दावा
इससे पहले आए कॉल में कॉलर ने खुद के ‘सिख फॉर जस्टिस’ का सदस्य होने का दावा किया था. उस वक्त सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों को एक गैर सरकारी संगठन ‘लॉयर्स वॉइस’ के जरिए दायर जनहित याचिका पर सुनवाई से परहेज करने की चेतावनी भी दी गई थी. दरअसल लॉयर्स वॉइस ने पीएम की सुरक्षा भंग की जांच की मांग की थी. इसी को लेकर कॉलर ने नाराजगी जताते हुए इसे वापस लेने की मांग की थी. ऐसा न करने पर जान से मारने की धमकी भी दी गई थी.