उद्योगपति मुकेश अंबानी देश के रिटेल सेक्टर में पूरी तरह छा जाना चाहते हैं. तभी तो राशन से लेकर ज्वैलरी तक के रिटेल स्टोर और जियो मार्ट जैसै ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म में उन्होंने भरपूर निवेश किया है. इसलिए देश में तेजी से पॉपुलर हो रहे क्विक कॉमर्स डिलीवरी सेगमेंट में पकड़ बनाने के लिए उन्होंने डंजो में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी. मार्केट में ये जोमैटो की बलिंकित, टाटा ग्रुप की बिगबास्केट और स्विगी इंस्टमार्ट जैसी सर्विस को सीधा टक्कर देती है. लेकिन अब डंजो के बोर्ड से रिलायंस के रिप्रेजेंटेटिव लगातार इस्तीफा दे रहे हैं. आखिर क्यों ?
सिर्फ बीते 2 महीनों को देखें तो डंजो के बोर्ड से अश्विन खासगिवाला ने सबसे पहले इस्तीफा दिया. वह रिलायंस रिटेल में बिजनेस ऑपरेशंस के ग्रुप चीफ हैं. इसके बाद राजेंद्र कामथ ने इस्तीफा दिया, जो रिलायंस रिटेल में फाइनेंस हेड हैं. इस तरह जिस कंपनी से रिलायंस रिटेल मार्केट में पकड़ बनाना चाहती थी, अब उसी कंपनी को छोड़ने की जल्दबाजी उसमें दिख रही है.
स्टार्टअप कंपनी डंजो का संकट बढ़ता जा रहा है. पहले कंपनी के को-फाउंडर और चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर मुकुंद झा और अब को-फाउंडर दलवीर सूरी ने इस्तीफा दे दिया है. इसके अलावा कई और इंवेस्टर्स जैसे लाइटरॉक इंडिया और ट्रैक्सन ने भी बोर्ड से इस्तीफा दिया है. इस बीच कंपनी के बकाया को लेकर उसे लीगल नोटिस भी मिले हैं.
डंजो लंबे समय से नकदी के संकट से जूझ रहा है, जिसकी वजह से एम्प्लॉइज को सैलरी टाइम पर नहीं मिल रही है. जून के बाद से कई बार ऐसा हुआ है कि एम्प्लॉइज को सैलरी देर से मिली है. वहीं सितंबर के आखिर में कंपनी ने बड़े पैमाने पर लोगों की छंटनी की, जिससे उसका स्टाफ काउंट अब घटकर 200 से कम रह गया है.
डंजो को नए सिरे से फंडिंग की जरूरत है. कंपनी एक ओवरहॉलिंग की प्रोसेस से भी गुजर रही है. जबकि हाल में उसे 3 से 3.5 करोड़ डॉलर की ताजा फंडिंग मिलने की उम्मीद है. कंपनी को अपना मासिक खर्च नीचे लाना है. अभी ये 6 लाख डॉलर है, जिसे कंपनी आधा करने की सोच रही है.
Sunday, November 24, 2024
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