गोंदिया।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन में इन दिनो अपराधी ट्रेनों के एसी कोच में रिजर्व टिकट लेकर चढ़ते हैं। और जेवर नगदी पर हाथ साफ कर रहे है, शासकीय रेलवे पुलिस ने से लेकर यात्रियों से अपील की कि यात्री गेट पर अपने बैग लगेज को लावारिस ना छोड़े ट्रेन रुकने के बाद ही गेट तक पहुंचे तो ज्यादा बेहतर और सुरक्षित होगा सफर के दौरान किसी की मदद लेने से बचने की सलाह देते हुए कहा गया कि किसी यात्री का सह यात्री सफर के दौरान रात में नहीं सो रहा है तो सावधान रहना होगा। अपराधी अमूमन नशे में वारदात को अंजाम देते हैं। यानी सह यात्री नशे में है तो खतरा हो सकता है। किसी भी अनजान पर भरोसा ना करें। दूसरे का दिया सामान ना खाए व कोई बेवजह किसी की मदद को तैयार हो तो निश्चित ही सावधानी बरतनी होगी।
नागपुर से 7 बड़े शहरों में है बेस कैंप-
आरोपी ने यह भी जानकारी दी है कि सांसी गैंग ने कई शहरों में अपना बेस कैंप बनाया है कि नेटवर्किंग की मदद से वारदात की जा सके। रेलवे पुलिस को नागपुर सहित देश के सात शहरों भोपाल, झांसी, मथुरा, हरदा, भुसावल,व दिल्ली मे बेस कैप के प्रमाण मिले है। यह वे शहर है जहां उनके मददगार रहते हैं। और उन्हें ठहराने की व्यवस्था इन्हीं की जिम में रहती है।
सक्रिय है कई गुर्गे-
एक जानकारी के अनुसार कुछ दिन पहले इस जोन में मुंबई -हावड़ा गीतांजलि व भगत की कोठी- बिलासपुर स्पेशल एसी कोच में जेवर व नकदी से भरा बैग उड़ा लेने की घटना हुई है। इसके बाद रेलवे पुलिस ने सक्रिय होकर सांसी गैस के एक सदस्य को पकड़ा जिसके पास से जेवर बेचने के बाद मिले साढे तीन लाख रुपये की राशि जब्त की गई। उस अपराधी ने पूछताछ में खुलासा करते हुए बताया कि यह गैग जोन के रायपुर से गुजरने वाली ट्रेन में पूरी तरह सक्रिय है और गैंग के सदस्यों ने सामान पार करने का नया फार्मूला निकाल लिया है।
गैंग में महिला भी शामिल-
रिजर्व कोच की कंनफर्म टिकट लेकर गैंग के सदस्य सफर कर रहे है। गैंग में केवल पुरुष ही नही महिला भी शामिल है। पूरे सफर में रेकी करने के साथ ही मौका मिलते ही वे अपने कारनामों को अंजाम दे देते हैं और फिर किसी भी स्टेशन पर उतरकर फरार हो जाते हैं। जोन के तहत रेलवे पुलिस का विशेष दल हरियाणा के हिसार के पास झांसी में पहुंचा था। ओर कुछ दिन वहा कैंप करके एक सदस्य को हिरासत में लिया।
विभिन्न बर्थ वह कोच की होती है-
संजय नामक इस आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वारदात को अंजाम देने के बाद देने वाले गैंग के सदस्यों के पास विभिन्न बर्थ व कोच की टिकट होती है. अभी तो कंफर्म टिकट लेकर ही अपराधी यात्रियों के बीच सफर कर रहे हैं। ट्रेन चलने परआरोपी एक दूसरे की सीट पर आते जाते रहते हैं। इसी दौरान में सबसे पहले अकेली सफर करने वाली महिलाए वबुजुगौ को रुकी करते हैं। कुछ घंटों में टारगेट को अंजाम देने का पूरा प्लान तैयार कर लेते हैं। इसके बाद स्टेशन पर उतरने के लिए यात्री जैसी ही बोगी के गेट पर पहुंचता है तभी आरोपी उनके सामने खड़े होकर (हाउ मून शील्ड बनाकर) बैग को पीछे की तरफ से धकल देते हैं। फिर मौका मिलते ही बेग की जेब पर लगी चेन को खोल कर उसके अंदर का कपड़ा काटने के बाद अंदर रखा कीमती सामान निकाल लेते हैं।