गोंदिया। बल्लारपुर रेलवे मार्ग के बीच गोंदिया जिले का संरक्षित वन क्षेत्र आता है. जिसमें आए दिन वन्यजीवों की ट्रेन से टक्कर व कटकर मौत होनी आम बात हो गई है. इसी प्रकार की एक घटना गोरेगांव सैंदड के बीच आने वाली गराड़ा रेलवे चौकी के समीप जंगली भैंसे की ट्रेन से टक्कर होने से उसकी मौत हो गई. गौरतलब है कि गोंदिया- बल्लारपुर रेलवे लाइन के मध्य गोरेगांव से सोंदड तक आनेवाला क्षेत्र वनवनविभाग के अंतर्गत आता है. तथा यह क्षेत्र सुरक्षित वन क्षेत्र अंतर्गत होने से अति संवेदनशील क्षेत्र बन चुका है. इस मार्ग से रेलवे लाइन के आवागमन के दौरान आए दिन वन्यजीवों की ट्रेन से टक्कर होने व कटकर मौत होने से होने की घटनाएं घटित होती है. 9 जनवरी की सुबह 8:00 बजे के दौरान एक 9 से 10 वर्ष के जंगली भैंसे की ट्रेन से टक्कर हो गई तथा वह 50 मीटर तक घसीटा गया. उपरोक्त घटना गराड़ा रेलवे चौकी से 5 किमी अंतर पर पोल क्रमांक 1027 के पास घटित हुई. उल्लेखनीय है कि क्षेत्र में 8 मार्च 2021 को एक तेंदुए की भी मालगाड़ी से टक्कर होने के चलते मौत हो गई थी. यह क्षेत्र संवेदनशील होने से तथा गोरेगांव का वन परिक्षेत्र के अंतर्गत आने के बावजूद उपरोक्त होने घटना के समय गोरेगांव के वन परिक्षेत्र अधिकारी घटनास्थल पर अनुपस्थित थे. जंगली भैंसे की मौत होने के घटनास्थल पर वन विभाग के आरोपों भोंसले वन विभाग के यस सदगीर आरो धुर्वे व अन्य 1 कर्मचारी के साथ मानद वन्यजीव रफीक मुकुंद धुर्वे ने पहुंचकर पंचनामा कर मूर्ख जंगली भैंसे का अंतिम संस्कार करवाया.
रेलवे विभाग ने किया सर्वे लेकिन नहीं हुई कार्रवाई
मुकुंद धुर्वे मानद वन्यजीव संरक्षक गोंदिया जिला ने बताया कि, उपरोक्त क्षेत्र आरक्षित वन क्षेत्र के अंतर्गत आने के कारण अनेक बार वन्यजीवो की ट्रेन से टक्कर होने के कारण जख्मी होने के साथ-साथ मौत भी हो जाती है. गत वर्ष तेदुए की ट्रेन से कटकर मौत होने के पश्चात वन विभाग मुकुंद धुर्वे रेलवे के अधिकारियों द्वारा सर्वे कर अंडर पास देने के लिए प्रस्ताव भेजा गया था. जिसके लिए रेलवे द्वारा अब तक किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई. जिसके चलते आए दिन दुर्घटना होने के प्रमाण बढ़ रहे हैं.