टीकों की बर्बादी न हो

 नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों से निजी टीकाकरण केंद्रों पर उपलब्ध कोविड-19 टीकों की उन शीशियों को सरकारी टीकाकरण केंद्रों पर मौजूद एक्सपायरी की लंबी अवधि वाली खुराकों से बदलने पर विचार करने को कहा है, जिसके इस्तेमाल की अवधि निकट भविष्य में खत्म होने वाली है. इसका मकसद ये सुनिश्चित करना है कि टीकों की बर्बादी न हो. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव विकासशील ने हाल ही में राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों को निजी कोविड-19 टीकाकरण केंद्रों पर उपलब्ध जल्द इस्तेमाल लायक न रह जाने वाले टीकों के मुद्दे पर एक पत्र लिखा था. इससे पहले भी इस संबंध में पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, केरल और महाराष्ट्र को निर्देश जारी किए गए थे. केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों से ये भी कहा है कि वो निजी टीकाकरण केंद्रों के साथ मिलकर कोविड-19 टीकों की उपलब्धता को लेकर नियमित रूप से समीक्षा करें. अतिरिक्त सचिव विकासशील ने पत्र में कहा कि सभी राज्यों/केंद्र-शासित प्रदेशों को सप्ष्ट किया जाता है कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को सरकारी और निजी टीकाकरण केंद्रों के बीच कोविड-19 टीकों की पुरानी (जल्द एक्सपायर होने वाले टीकों) और नई (इस्तेमाल की लंबी अवधि वाले टीकों) शीशियों की अदला-बदली को लेकर कोई आपत्ति नहीं है. कृपया ये सुनिश्चित करें कि सरकारी अथवा निजी टीकाकरण केंद्रों में टीके की एक भी शीशी बर्बाद न हो. कोविड-19 टीकों के आदान-प्रदान का प्रावधान को-विन पोर्टल पर उपलब्ध है.

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