हिंगणघाट: कोरोंना संकट में कई लोगो के नजिक के लोगो को जान से हाथ गवानी पडी। इससे हिंगणघाट भी अछूता नहीं रहा। घरका मुख्य कर्ता अगर नहीं रहा तो उस परिवार पर क्या गुजरती है। ये जीस पर गुजरती है, वहीं जानता है। ज्ञानपीठ विद्या निकेतन के कुछ छात्र के पालक इन कोरोंना संकट के चलते नहीं रहे। अब इन निराधार छात्रो का शैक्षणिक भविष्य अंधकारमय होने की कगार पर था। तब ज्ञानपीठ परिवार ने इन बेसहारा छात्रों के पढ़ाई का जिम्मा लिया।
ज्ञानपीठ विद्या निकेतन के कुछ छात्र भी इसी संकट मे आए थे। तब ज्ञानपीठ विद्या निकेतन के संस्थापक अध्यक्ष गिरधर राठी ने अपने सहहृदयता का परिचय देकर इन छात्रों के पालकत्व स्वीकारने का निर्णय लिया। जिसका ज्ञानदीप परिवार ने भी स्वागत किया। अब इन निराधार छात्रों को ज्ञानदीप परिवार ने गोद लेने से उनके शैक्षणिक भविष्य सुलभ होने की राह मिल गई है। ज्ञानदीप परिवार ऐसे संकट में आने वाले छात्रों को कभी भी सहारा देने से पीछे नहीं हटेगा, ऐसा संकल्प उन्होंने दोहराया है। गिरधर राठी की पहल से ज्ञानदीप परिवार के इस मानवीय कार्य की सभी और सराहना की का रही है।