जूडो व कराटे प्रशिक्षण के लिए मिलेंगी जगह – एड. कुंभारे

जापान की एक महान उपासिका मैडम नोरिको ओगावा द्वारा धम्म दान द्वारा विश्व प्रसिद्ध ड्रैगन पैलेस बनाया गया था। जिसमें ड्रैगन कप कराटे चैंपियनशिप का उद्घाटन के अवसर पर ड्रैगन पैलेस टेम्पल प्रमुख व पूर्व राज्यमंत्री एड. सुलेखा कुंभारे ने जापान की सबसे लोकप्रिय जूडो कराटे के प्रशिक्षण के लिए ड्रैगन पैलेस क्षेत्र में सभी सुविधा के साथ जगह उपलब्ध कराई जाने की घोषणा की। विश्व प्रसिद्ध ड्रैगन पैलेस के आस एमटीडी हॉल में पहली बार ड्रैगन कप कराटे चैंपियनशिप प्रतियोगिता रविवार आयोजित की गई थी। प्रतियोगिता का उद्घाटन ड्रैगन पैलेस टेम्पल प्रमुख व पूर्व राज्य मंत्री एड. सुलेखा कुंभारे के हस्ते तथागत गौतम बुद्ध और डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया गया। प्रतियोगिता के मुख्य आयोजक सेंसाई राजेंद्र रामटेके और सेंसाई अमन घोडेसवार ने एड. सुलेखा कुंभारे का शॉल और पुष्पगुच्छ प्रदान कर स्वागत किया।
प्रतियोगिता में लगभग 12 टीमों ने भाग लिया, जिसमें मुख्य रूप से कामठी शहर एवं नागपुर, वर्धा, चंद्रपुर, भंडारा आदि जिलों से बड़ी संख्या में प्रशिक्षित कराटे टीमें शामिल थीं। इसमें कराटे के 400 से अधिक प्रशिक्षित छात्रों ने भाग लिया। पहली बार कामठी कराटे क्लब का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। प्रतियोगिता को लोगों का अच्छा प्रतिसाद मिला। इस प्रतियोगिता में 7-9 वर्ष आयु वर्ग में प्रयाग सवाई थुल ने प्रथम, हर्ष नागदेव ने द्वितीय व श्रेयश मोटे ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। बालिका वर्ग में अरिशा शेख ने पहला, यशवी सवाईथुल ने दूसरा और आचल बोरकुटे ने तीसरा स्थान हासिल किया। ब्लैक बेल्ट चैंपियनशिप में पुरुष वर्ग में प्रवीण रामटेके (चंद्रपुर) ने पहला, इलियाज शेख ने दूसरा और कार्तिक भगत ने तीसरा स्थान हासिल किया। महिला वर्ग में, कीर्तिका जगनाडे (नागपुर) ने पहला स्थान हासिल किया, उसके बाद अचल बखाड़े ने दूसरा और जानवी भूरे ने तीसरा स्थान हासिल किया। सभी विजेताओं को शील्ड, नकद और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस प्रतियोगिता में एड.भिमा बोरकर, एड. विद्या भिमटे, निलेश शेंडे, चंदु जयस्वाल, वाघमारे, पडोले आदि गणमान्य प्रमुखता से उपस्थित थे। प्रतियोगिता के आयोजक राजेद्र रामटेके, अमन घोडेस्वार, निलेश शेंडे का सत्कार एड. सुलेखा कुंभारे के हस्ते किया गया। प्रतियोगिता के सफलतार्थ लोकेश पुनवटकर, मनीष डोंगरे, प्रभाकर मेश्राम, प्रविण निहारे, गौरव तांडेकर, मनोजित घरडे सिध्दार्थ खोब्रागडे, रितेश सवाईशुल आदि ने अथक परिश्रम किया।

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