जी-20 देशों का शिखर सम्मेलन (जी20) इस बार नई दिल्ली में हुआ और इसके सफल आयोजन पर भारत की पूरी दुनिया में तारीफ हो रही है। लेकिन साथ ही इस पर हुए भारी भरकम खर्च पर भी सवाल उठ रहे हैं। एक ट्वीट में दावा किया गया है कि इस आयोजन पर सरकार ने आवंटित फंड से 300 परसेंट ज्यादा खर्च किया। ट्वीट के मुताबिक सरकार ने जी-20 समिट पर 4,100 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए, जबकि इसके लिए पिछले बार के केंद्रीय बजट में केवल 990 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। इस तरह सरकार ने आवंटित बजट से 3110 करोड़ रुपये ज्यादा जी-20 के आयोजन पर खर्च किए। लेकिन सरकार ने इसका खंडन किया है। उसका कहना है कि यह ट्वीट मिसलीडिंग है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के पीआईबी फैक्ट चेक ने ट्वीट किया, ‘एक ट्वीट में दावा किया गया है कि सरकार ने जी-20 पर आवंटित बजट से 300% से ज्यादा खर्च किया। यह दावा गुमराह करने वाला है। इसमें जिस खर्च की बात हो रही है उसमें ज्यादातर वह राशि शामिल है जिसे आईटीपीओ ने एसेट बनाने में खर्च किया। साथ ही इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास में खर्च राशि को भी इसमें जोड़ा गया है। यह एसेट और इन्फ्रा केवल जी-20 समिट तक ही सीमित नहीं है।’सबसे खर्चीला जी-20 पिछले साल जी-20 समिट का आयोजन इंडोनेशिया के बाली में हुआ था। एक अनुमान के मुताबिक इस आयोजन पर 364 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। वहीं साल 2019 में जापान में हुए जी20 शिखर सम्मेलन पर 2,660 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। साल 2018 में अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स में हुए जी-20 शिखर सम्मेलन में 931 करोड़ रुपये और 2017 के आयोजन पर 642 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। साल 2016 में चीन के हैंगजू में हुआ जी-20 समिट सबसे खर्चीला था। इस पर 1.9 लाख करोड़ रुपये खर्च हुए थे।
Sunday, November 24, 2024
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