शहर की जामा मस्जिद की संपत्ति, मस्जिद से जुड़े आर्थिक व्यवहार और इन सारे व्यवहार को अंजाम देनेवाले ट्रस्टियों पर पत्रकार परिषद के माध्यम से कथित आरोप लगाने का सिलसिला और सारे आरोपों को झुठलाते हुए आरोप लगाने वालों पर ट्रस्टियो द्वारा प्रत्यारोप का दौर छिड़ चुका है। दिग्रस नगर पालिका के पूर्व पार्षद जावेद पहलवान ने बुधवार की शाम को पत्रपरिषद लेकर जामा मस्जिद ट्रस्ट की बॉडी याने कार्यकरिणी को फर्जी बताते हुए इस बॉडी में शामिल कथित सचिव हाजी हारुण ईसानी और अध्यक्ष अफजल बेग मिर्झा पर मस्जिद के खेत का मुरुम और गौण खनिज फर्जी तरीके से करोड़ो रुपयों में बेचने का सनसनीखेज आरोप किया है।
इन सारे आरोपो के बाद गुरुवार को जामा मस्जिद ट्रस्ट के सम्बंधित पदाधिकारियों ने पत्रपरिषद के जरिये से अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को झुठलाते हुए अपनी दलीले पेश की है।
पुर्व नगरसेवक जावेद पहलवान के मुताबिक मस्जिद के खेत के मुरुम और गौण खनिज को बेचकर करोड़ो का फ़र्जीवाडा किया गया है,जिसकी शिकायत उन्होंने जिलाधिकारी, उपविभागीय अधिकारी,पुलिस अधीक्षक से करते हुए इस मामले में पुख्ता जांच की मांग की है।
इन आरोपो को सिरे खारिज करते हुए सम्बंधित पदाधिकारियों ने मस्जिद के खेत से होकर गुजर रहे रेलवे ट्रैक और मुरुम अथवा गौण खनिज के विषय मे मस्जिद के बैंक एकाउंट के आर्थिक व्यवहार का 10 लाख रुपयों का ब्यौरा पेश करते हुए उनपर लगे आरोपो को बेबुनियाद करार दिया है।
कुल मिलाकर देखा जाये तो जामा मस्जिद से जुड़े आर्थिक व्यवहार में धान्दली,भ्रष्टाचार और अपहार एक गंभीर बात है। क्यों के जामा मस्जिद दिग्रस शहर के मुस्लिम समाज के लिए न सिर्फ आस्था का विषय है बल्कि शहर के आम और खास मुसलमानों के जज्बात भी जामा मस्जिद से जुड़े है ऐसे में कोई भी शख्स अगर अपने राजनीतिक स्वार्थ या अपने आर्थिक लाभ के लिये जामा मस्जिद की सम्पत्ति के साथ ही लोगों के जज्बातों का फायदा उठाने की हरकत करता है तो इस मामले की कानून के दायरे में पुख्ता जांच कर सम्बन्धितों की जवाबदेही तय करना समय की मांग है।
दिग्रस शहर के मुस्लिम बंधु इस मामले में पारदर्शी जांच की मांग कर मस्जिद की संपत्ति में कथित रूप वे जारी आर्थिक गबन को उजागर करने की मांग कर रहे है। अपने उपर लगे तमाम तरह के आरोपों को झूठा करार देते हुए जामा मस्जिद ट्रस्ट के अध्यक्ष अफजल बेग मिर्झा, सचिव हाजी हारुण ईसानी, शौकत अली मलनस, गौस खान लाला आदि ने हर तरह की जांच के लिए तैयारी दर्शाते हुए आरोप करने वाले पार्षद जावेद पहलवान पर अवैध तरीके से दारूम उलूम की जगह पर कब्जा जमाने और मस्जिद के इमाम तथा शहर-ए- काजी अबु जफर पर भी मस्जिद से जुड़े मामलों में आर्थिक अपहार का आरोप लगाते हुए उनकी भी जांच हो ऐसी मांग की है। ट्रस्टियों की माने तो उनपर लगे सारे आरोप राजनीति से प्रेरित है।