नागपुर जिले में रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कमी है इसलिए निजी डॉक्टर इस इंजेक्शन का उपयोग केवल ई और एफ समूह के रोगियों के लिए ही करें. जिलाधिकारी रवींद्र ठाकरे ने निजी डॉक्टरों से यह अपील की. वे रविवार को जिलाधिकारी कार्यालय में हुई बैठक में बोल रहे थे.
इस दौरान जिला परिषद के सीईओ योगेश कुंभेजकर सहित आईएमए की अध्यक्ष डॉ. अर्चना कोठारी, डॉ. राजेश सावरबांधे, डॉ. अनूप मरार, डॉ. नंदू कोलवाडकर, डॉ. समीर चौधरी उपस्थित थे. इस दौरान जिलाधिकारी ने कहा किराज्य स्तरीय टास्क फोर्स समिति के 23 मार्च के पत्र के अनुसार सभी अस्पतालों में भर्ती रोगियों का उपचार करना अनिवार्य है. लेकिन रेमडेसिवीर इंजेक्शन ई व एफ-समूह के रोगियों के लिए ही उपयोग करें.
ई-समूह के रोगियों में मध्यम स्वरूप के लक्षण हैं और वह नौ दिनों के लिए वेंटिलेटर पर है तो पांच दिन इस इंजेक्शन का उपयोग किया जाना चाहिए. वहीं ग्रुप-एफ में इस का उपयोग पांच दिन के लिए किया जाना चाहिए और अगर रोगी वेंटीलेटर पर है तो नौ दिन इस इंजेक्शन का उपयोग किया जाना चाहिए. ग्रुप-ई और एफ को उनके लक्षणों के आधार पर वर्गीकृत किया गया है. ई-समूह के रोगियों में श्वसन बाधा, 24 प्रति मिनट से अधिक सांस की तकलीफ आदि शामिल है.