सेंट्रल एवेन्यू पर दोपहर 4:05 का समय…. चितारओली चौक से मेयो अस्पताल की दिशा में वाहन चालक जा रहे थे. इसी बीच मोटर साइकिल के इंजिन की आवाज घर-घर गूंजने लगी. कुछ क्षणों में ही दो मोटर साइकिल सवार तेजी से आड़ी-तिरछी, मनमाने तरीके से गाड़ी चलाने लगे. दोनों के बीच रेस शुरू हो गई.
अन्य वाहनों को तेजी से कट मारते हुए दोनों गुजर रहे थे. इसके चलते कोई अचानक दचक गया तो किसी ने अचानक ब्रेक मार दिया. भरी दोपहर को नागपुर की व्यक्त सड़क पर धूम स्टाइल रेसिंग चल रही थी, मगर संपूर्ण मार्ग में एक भी पुलिस कर्मी उन्हें रोकने के लिए मौजूद नहीं था. यदि एकाध सेकेंड का गणित चूक गया होता तो या तो ये मोटर साइकिल सवारों के लिए जानलेवा साबित हुआ होता अथवा सड़क से गुजर रहे किसी वाहन चालक को दुर्घटना का शिकार होना पड़ता.
रामझूला पर ऋतिका मालू नामक अमीर महिला ने शराब के नशे में दो निर्दोष युवकों की जान ले ली थी. इसके बाद शहर के वाहनों में तेजी से गाड़ी चलाने का मुद्दा चर्चा का विषय बना हुआ है. नागपुर पुलिस ने जनजागृति मुहिम चलाई, मगर महत्वपूर्ण चौकों पर अभी भी यातायात पुलिस की तैनाती के बारे में ध्यान नहीं दिया गया है.
सूत्रों ने बताया कि इस प्रकार की मोटर साइकिलों की रेस हर दिन शहर के किसी न किसी रास्ते पर होती रहती है. मौज-मस्ती के नाम पर ये अतिउत्साही युवक दूसरों के जीवन को भी खतरे में डालते हैं. रविवार को सेंट्रल एवेन्यू पर हुई रेस को लेकर नागरिकों में नाराज़गी दिखाई दी.
शहर में सीसीटीवी का जाल फैला होने के बाद भी क्या कंट्रोल रूम को इस तरह की घटनाएं दिखाई नहीं देती? यह आश्चर्य का विषय है. पूछने पर जवाब मिलता है कि हमारे पास कोई शिकायत नहीं आई, तो हम क्या करेेंगे.