-पुलिस नहीं, सीआरपीएफ को सुरक्षा में तैनात किया गया
-आयकर विभाग का कुछ भी कहने से इनकार
नागपुर। (नामेस)।
राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और उनसे जुड़े लोगों के लगभग 10 से 12 स्थानों पर शुक्रवार को आयकर विभाग ने छापा मारा. कुल 200 से अधिक अधिकारी और कर्मचारियों को इस काम पर लगाया गया है. हालांकि इस संबंध में आयकर विभाग के अधिकारी कुछ भी कहने से इनकार करते रहे.
सूत्रों ने बताया कि प्लानिंग काफी जोरदार थी. छापेमारी के लिए नागपुर से अधिक पूरे राज्य से अधिकारियों और कर्मचारियों को बुलाए जाने की चर्चा है. ठाणे, नाशिक, पुणे, मुंबई से अधिकारियों और कर्मचारियों को बुलाकर काम पर लगाया गया है. सुबह 11 बजे के आसपास अधिकांश टीमें अपने-अपने लक्ष्य पर पहुंच गई थीं और देर शाम तक कई जगहों पर काम करती रहीं.
इन स्थानों पर हुई कार्रवाई
जानकारी के अनुसार सिविल लाइंस स्थित देशमुख के आवास, काटोल स्थित आवास, शैक्षणिक संस्थान एवं कार्यालय, रामदासपेठ मिडास हाइट स्थित लैब, शंकरनगर स्थित कार्यालय के साथ-साथ देशमुख के संस्थानों से जुड़े निदेशकों, अकाउंटेंटों, चार्टर्ड अकाउंटेंटों के यहां पर भी छापेमारी की खबर है. बैरामजी टाउन, अजनी स्थित कुछ सीए के यहां पर भी आयकर अधिकारियों के दल के पहुंचने की खबर है. आईटी पार्क में भी एक दल के पहुंचने की जानकारी है. कुछ निकट सहयोगियों के आवास पर भी छापेमारी जारी रही.
परिडा का मिलने से इनकार
इस संबंध में मीडिया ने जब आयकर अन्वेषण विभाग के निदेशक (अन्वेषण) एस.एस. परिडा से संपर्क करने की कोशिश की तो उन्होंने मिलने से इनकार कर दिया. कैबिन में बैठे-बैठे ही उन्होंने अपने सहयोगियों से कहलवा दिया कि ‘साहब कुछ नहीं बता सकते. अभी छापेमारी जारी है.’
सीआरपीएफ के सहयोग से छापेमारी
छापेमारी में सीआरपीएफ का सहारा लिया गया, जो काफी चर्चा का विषय रहा. आयकर छापेमारी के दौरान आम तौर पर राज्य पुलिस का सहयोग लिया जाता है, लेकिन इस मामले में केंद्रीय आरक्षित सुरक्षा बल का प्रयोग हुआ. आवास एवं मिडास हाईट के सामने 10-10, 15-15 जवानों को देखना हर आने-जाने वाले वालों के लिए कौतुहल का विषय बना रहा. आयकर छापे में सीआरपीएफ के इस्तेमाल से सभी भौंचक हैं.