रिश्वतखोरी दिन – ब – दिन बढ़ती ही जा रही है. रिश्वतखोरी में कभी पुलिस और राजस्व विभाग नंबर वन पर हुआ करते थे, लेकिन अब उसकी जगह कृषि विभाग ने ली है. और इन रिश्वतखोरों पर कार्रवाई करने में एन्टी करप्शन ब्यूरो भी पीछे नही है.
देश मे रिश्वतखोरी दिन – ब – दिन बढ़ती ही जा रही है. आश्चर्य कि बात तो यह है कि, हमारे देश के नेता रत्तीभर भी चिंतित नही की देश मे दिनों दिन भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी बढ़ रही है. बल्कि कई सरकारी विभागों के आला अधिकारी खुद रिश्वत लेते धराये है. नागपुर परिक्षेत्र की बात करे तो सबसे भ्रष्ट और रिश्वतखोर विभाग ग्राम विकास विभाग का कृषि विभाग है. वही दूसरे नंबर पर पुलिस विभाग है, जो चौकाने वाली बात है. वर्दीधारी ही यदि सबसे ज्यादा घुस खाएंगे तो आम नागरिकों से क्या उम्मीद करेंगे.
साल 2020 में एंटी करप्शन ब्यूरो ने 14 पुलिस कर्मचारियों को 2 लाख 28 हजार 500 रुपये की रिश्वत लेते पकड़ा था. खास बात तो यह है कि इनमें कुछ तमगा पाए पुलिस कर्मी भी शामिल है. विशेष रूप से साल 2020 पूरी तरह से कोरोना महामारी के चपेट में था, फिर भी रिश्वतखोरी कम नही हुई. वही सबसे भ्रष्ट ग्राम विकास विभाग के कृषि विभाग में एसीबी की 15 कार्रवाई की गई. और इन रिश्वतखोरों ने 1 लाख 4500 की रिश्वत खाई थी. वही बात की जाए राजस्व विभाग की तो वो भी रिश्वतखोरी में पीछे नही है. एन्टी करप्शन ब्यूरो ने राजस्व विभाग के 10 कर्मचारियों को 1 लाख 75 हजार की रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा था.
राजस्व विभाग की बात की जाए तो, बड़े पैमाने पर रेत माफिया अवैध रूप से रेत का उत्खनन कर उसका परिवहन करते है. कोई उन्हें पकड़े ना इसलिए अधिकारियों को रेत माफिया बडी रकम रिश्वत के रूप में देते है. चोर – चोर मौसेरे भाई कहावत यहा सटीक बैठती है, क्योकि रेत माफिया आला अधिकारियों के मार्गदर्शन में ही रेत का अवैध रूप से उत्खनन कर परिवहन करते है. नागपुर परिक्षेत्र की बात की जाए तो साल 2020 में कुल 72 कार्रवाई की गई. साथ ही साल 2021 में अब तक 12 कार्रवाई की गई. वही नागपुर में साल 2020 में 18 रिश्वतखोरों को पकड़ा था. वर्धा में 7, भंडारा में 6, चंद्रपुर में 11, गडचिरोली में 14 और गोंदिया में 16 रिश्वतखोरों पर एंटी करप्शन ब्यूरो ने अपना शिकंजा कसा था. सभी रिश्वतखोरों ने 14 लाख 86 हजार 350 रुपये की रिश्वत खाई.
एन्टी करप्शन ब्यूरो की पुलिस अधीक्षक रश्मि नांदेडकर ने कहा कि, रिश्वतखोरों पर कार्रवाई करना जारी है. चाहे वो सरकारी अधिकारी क्यो ना हो उनपर भी सख्त कार्रवाई की जा रही है. हाल ही में भंडारा जिले के लाखांदुर तहसील के तहसीलदार निवृत्ति जगन उइके को 10 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा गया. साथ ही पुलिस अधीक्षक रश्मि नांदेडकर ने लोगो से अपील की है कि वे कही भी किसी भी व्यक्ति को रिश्वत ना दे और ना ले. पुलिस अधीक्षक रश्मि नांदेडकर ने लोगो से बिना डरे शिकायत करने का आवाहन भी किया है. उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता का नाम पूरी तरह से गुप्त रहेंगा. भारत जैसे देश मे ऐसे ही रिश्वतखोरी दिनोदिन बढ़ती रहेंगी तो लोगो का प्रशासन के साथ साथ आला अधिकारियों से भी विश्वास उठ जाएगा. लेकिन हमे देश को भ्रष्टाचार मुक्त करना होंगा तो शुरुआत अपने आप से ही करनी होंगी.कैमरामैन माइकल रामपुरे के साथ एकता गहेरवार की खास रिपोर्ट बीसीएन न्यूज़ के लिए