गौ तस्कर के ही गौ रक्षा संस्था में गायों को भेजा

लाखनी।

पशु संरक्षण अधिनियम के तहत जिन जानवरों के साथ क्रूर व्यवहार किये जाने का मामला सामने आया है। उन्हें जब्त कर पिंपलगांव-सड़क खैरी में पशु तस्कर के गौशाला में नहीं भेजा जाना चाहिए। इस संबंध में जिला पुलिस अधीक्षक भंडारा ने सभी पुलिस अधिकारियों को पत्र संख्या 705/2021, 11 जून 2021 को निर्देश जारी किये थे। “अन्नपूर्णा” इस गौ तस्कर की पाठशाला है। यह जानने के बावजूद लखनी पुलिस ने अपराध संख्या 221/2021 के तहत 27 पशुओं को गिरफ्तार कर उसी तस्कर को स्कूल भेज दिया। पुलिस अधीक्षक की क्या भूमिका होती है क्योंकि पुलिस अधीक्षक के पत्र में केले की एक टोकरी दिखाई जाती है। इसने गोवंश प्रामिन का ध्यान खींचा है।2011 से 2015 की अवधि में, तालुका में गौ-पालन सेवा के लिए गौशाला स्थापित करने के लिए स्व-घोषित गौ-पालकों की एक लहर थी। पिंपलगांव-सड़क 3, रेंगेपार-कोहली, खैरी, ब्राम्हनी, गडेगांव में 7 गोशालाएं थीं, जिनमें से 4 गोशालाएं वर्तमान में चल रही हैं। 2012 से 2014 के बीच पुलिस ने बूचड़खाने में जाने वाले जानवरों को पकड़कर हजारों पालतू जानवर दिए पालने के लिए। गाय नस्ल प्रेमियों के अनुसार ग्रामीणों ने पशु तस्करों को पालतू जानवर बेचकर मुनाफा कमाया है। लाखनी तालुका में गौ-विद्यालयों के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार की “महाराष्ट्र में पशु कल्याण कानून की निगरानी के लिए समिति” के पास कई शिकायतें दर्ज की गईं। राजू गुप्ता, पशु कल्याण अधिकारी, पशु कल्याण समिति, मुंबई की अध्यक्षता में एक सदस्यीय समिति ने गहन जांच की और निष्कर्ष निकाला कि गोशाला निदेशकों द्वारा 27,000 गायों को बेचा गया था। साथ ही कई शिकायतें जिला पुलिस अधीक्षक भंडारा से भी की गई। शिकायत के अनुसार जिला पुलिस अधीक्षक भंडारा ने कहा कि पशु क्रूरता रोकथाम अधिनियम के तहत जब्त किए गए पशुओं को पिंपलगांव-सड़क, खैरी गो स्कूल नहीं भेजा जाए। इसकी जानकारी होने पर गो तस्करी पुलिस विभाग ने शुभचिंतकों की सलाह पर हाल ही में “अन्नपूर्णा” नामक गो स्कूल की स्थापना की। इस बात की जानकारी लाखनी पुलिस को भले ही हो गई हो, लेकिन अपराध क्रमांक के तहत जब्त किया गया ट्रक नंबर एमएच 12 एनएक्स 3485 है। शहर में चर्चा चल रही है कि लाखनी पुलिस ने अवैध रूप से कार्रवाई करते हुए जिला पुलिस अधीक्षक के आदेश की अवहेलना की है।

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