गोंदिया से जबलपुर सीधी ट्रेन शुरू होने की प्रतीक्षा में लोग

वैवाहिक सीजन के दौर में गंतव्य स्थानों की यात्रा करने के लिए यात्रियों को असुविधा से जूझना पड़ रहा है. गोंदिया से जबलपुर ट्रेन शुरू नहीं होने के कारण महंगा सफर करना पड़ रहा है. जानकारी के अनुसार डेढ़ साल से ज्यादा का वक्त गुजर जाने के बाद भी अब तक गोंदिया से जबलपुर से पैसेंजर ट्रेन सेवा शुरू नहीं की जा सकी है. गोंदिया से जबलपुर तक की सवारी गाड़ी नहीं होने के कारण जरूरतमंदों को बस के जरिए ही महंगा सफर तय करना पड़ रहा है. वैवाहिक सीजन के दौर में बसों में जगह नहीं मिल पा रही है. जानकारी के अनुसार हफ्ते में सिर्फ 3 दिन ही रीवा इतवारी एक्सप्रेस ट्रेन का संचालन हो रहा है. जिसका लाभ जरूरतमंद और बड़ी संख्या में सामान्य यात्रियों को नहीं मिल रहा है. जिले के लोग बड़ी संख्या में रोजाना जबलपुर तक की यात्रा करते हैं. लेकिन समय पर साधन नहीं होने के कारण बस में अधिक किराया अदा करना पड़ रहा है. अभी तक सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेन में अनारक्षित व्यवस्था नहीं की गई है. गोंदिया से नैनपुर तक की सवारी गाड़ी प्राप्त: काल के दौरान एक चल रही है. फिलहाल गोंदिया से बालाघाट की टिकट 30 रु. है जो कोरोना काल के पहले केवल 10 रु.थी. वही गोंदिया से लामटा की टिकट 45रु. है जो पहले 20रु. थी. इस विषय में यात्रियों का कहना है कि परिसर में सक्षम जनप्रतिनिधियों की नाकामी का दंश यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है. गोंदिया- जबलपुर सवारी गाड़ी चलाने की दिशा में किसी भी जनप्रतिनिधि का ध्यान नहीं है सब अपने आप में मियां लट्टू है.
जबलपुर सीधे सवारी गाड़ी शुरू नहीं होने के कारण बस संचालकों का फायदा हो रहा है, शहर के काले खां चौक पर बालाघाट से जबलपुर जाने वाली यात्रियों की रोजाना भीड़ दिखाई दे रही है. विवाह का सीजन होने से लोग बड़ी संख्या में आना-जाना शुरु कर रहे हैं. गोंदिया से जबलपुर तक के बस के सफर करने का किराया 400 से 500 रुपए. लिया जा रहा है. जबकि सवारी गाड़ी शुरू होती तो सिर्फ 100 -150 रुपए. में जबलपुर तक का सफर आसानी से किया जा सकता है. इन हालातों में परिसर के सांसदों की अनदेखी को लेकर यात्री जगत में गहरा रोष व्याप्त है. मध्यम वर्ग और गरीब तबके के लोगों को सरकार ने आर्थिक रूप से परेशान होना पड़ रहा है. जिले के लोग बड़ी संख्या में लामटा, समनापुर, चरेगांव, चांगोटोला, नैनपुर, जबलपुर, धापेवाडा सही अनेक गांव के लोग विभिन्न कार्य को लेकर आना जाना करते हैं. लेकिन सवारी गाड़ी के नाम पर सुबह के समर ही एक ट्रेन चलाई जा रही है जो सुबह 6:45 बजे की है. इसके बाद कोई भी दूसरी ट्रेन सुबह से लेकर रात तक उपलब्ध नहीं है यह विशेष गौर करने वाली बात है.

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