गोंडेगांव प्रकरण में जांच दल फिर पहुंचा गोंडेगांव

गोंडेगांव प्रोजेक्ट में 1 नंवबर को हुई घटना के बाद 8 नवंबर को बीएमएस के त्रिपक्षीय सुरक्षा समिती सदस्य सुनील मिश्रा सहित बीएमएस के सह जेबीसीसीआई सदस्य जयंत आसोले के द्वारा गोंडेगांव प्रोजेक्ट में जहां जांच की गई हैं,वहीं पर कुछ ट्रक मालकों के द्वारा मिडिया का जमकर प्रयोग किया गया हैं,जिससे मिडिया की साख पर जहां असर पडा है,वहीं पर सच्चाई से कार्य करनें वाले पत्रकारों साख पर भी आंच आई हैं.
नागपुर जिले की पारशिवनी तहसील अंर्तगत आने वाली गोंडेगांव ओपन कास्ट माईस में 1 नंवबर को एक ट्रिपटेलर पलट गया.इस ट्रिपटेलर के पलटने के कारण जहां कई सवाल खडे हुए,जिसकों लेकर नागपुर मेंट्रो समाचार के द्वारा मुद्दे को प्रमुखता से उठाया गया.इस प्रकरण में जहां वेकोलि प्रबंधन के द्वारा क्रसिंग का कोयला ना देने के नियम पर सवाल उठाए गए,वहीं पर इस पुरे प्रकरण में दो मुद्दे उठाए गए,जिसमें वेकोलि का क्रसिंग का कोयला एवं इस कोयले को परिवहन करने का ठेका जे के सेलुसन प्रा.लि को मिला,जिसमें 1 नंवबर की घटना में दो पक्ष तैयार होते हैं.इस प्र्रकरण में लिगल रूप से अवनीस लॉजिस्टिक प्रा.लि जो की सप्रा ट्रान्सपोर्ट के नाम पर जाना जाता हैं.इस पुरे प्रकरण में मिडिया से संबंध रखने वाले एक युवक के द्वारा जिसके पास खुद कोयले की गाडियां हैं,उसके द्वारा सप्रा ट्रान्सपोर्ट के संचालक को मोबाईल से संर्पक कर दो गाडियों को सप्रा ट्रान्सर्पोट में शामिल कर कोयला परिवहन करने के लिए चर्चा की,जिसमें सप्रा के द्वारा इंकार कर दिया गया,जिसमें मिडिया के इस आदमी के द्वारा एक और ट्रान्सपोर्टर से संपर्क कर मिडिया कर्मी की गाडी लगाने का कहा,उस ट्रान्सपोर्टर के द्वारा भी इंकार कर देने के कारण यह मिडिया कर्मी झुझला गया.इसी बीच 1 नंवबर को गोंडेगांव के 4 नंबर के बिना सीसीटीवी वाले यार्ड में अवनीस लॉजिस्टिक प्रा.लि जो की सप्रा ट्रान्सपोर्ट के नाम पर जाना जाता हैं,उसका ट्रक पलट जाता हैं,औैर उस मिडिया कर्मी को अपनी व्यक्तिगत दुश्मनी निकलने का मौका मिल जाता है.इसी क्रम में उस मिडिया कर्मी का एक नेता दोस्त जो इस प्रकरण की शिकायत वेकोलि मुख्यमहाप्रबंधक एवं वेकोलि सह_प्रबंध निदेशक से शिकायत कर मानसिक दबाव बनाने का प्रयास करता हैं.इस संदर्भ में ध्यान देने वाली बात यह है,इस नेता औैर मिडिया कर्मी के द्वारा जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय परिसर में की गई शिकायत और एक हप्ते के भीतर उपक्षेत्रीय प्रबंधक को माफीनाम लिखकर देना,यह तथ्य आसानी से समझा जा सकता है,कि एक से दो हप्ते के बीच नेहरू चिकित्सालय परिसर में चल रहें निर्माण कार्य में कैसे सुधार हो गया.इस संर्दभ में मिडिया कर्मी के द्वारा स्थानीय पत्रकारों पर दबाव का आरोप लगाता हैं,जबकि यदीं सप्रा ट्रान्सपोर्ट में मिडिया कर्मी की गाडी लग जाती तो शायद यह समाचार भी नहीं बनते.सप्रा ट्रान्सपोर्ट के ट्रक में आए लगभग 7 टन कोयले को किस नेता के द्वारा दुसरे बडे नेता को फोन कर मांगा गया,वेकोलि मुख्यमहाप्रबंधक के द्वारा गठीत जांच समिती क्या रिर्पोट देगी,आदि सभी सवालों का जवाब आने वाले समय में मिलेंगा.

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