गोंदिया।
जिले में यूरिया खाद के लिए किसानों को भटकना पड़ रहा है। जबकि खाद का भरपूर स्टॉक होने की जानकारी जिला कृषि विभाग की ओर से दी गई। बताया गया कि 15 सितंबर को यूरिया, इफको, नर्मदा, टिफको खाद की 3 हजार 477 मैट्रिक टन की रेक यहां पहुंच चुकी है। सरकारी दस्तावेजों पर खाद की कोई किल्लत नहीं है। लेकिन कृषि केंद्र में खाद की किल्लत बताई जा रही है। यूरिया खाद की अधिक मांग को देखते हुए कुछ विक्रेता इसके विपरीत फायदा लेते भी अन्य खाद की खपत के लिए यूरिया खाद की किल्लत बता रहे हैं। और ऊंचे दाम में यूरिया खाद की बिक्री कर रहे। किसानों द्वारा आरोप लगाया जाता है, कि दुगने दाम में यूरिया खाद बेचा जा रहा है। लेकिन हकीकत में किसानों द्वारा खाद विक्रेताओं की शिकायत कुषि विभाग तक नहीं पहुंचती। यही कारण है कि कार्रवाई के लिए कृषि विभाग के सामने समस्या खड़ी हो जाती है। जिला कृषि विभाग की ओर से जानकारी देते हुए बताया गया कि जिले में फिलहाल 23 या 100 मेट्रिक टन यूरिया खाद उपलब्ध है। वहीं युरिया 450 मैट्रिक टन ईफको 1250 मेंटिक टन, नर्मदा 827मेटिक टन, टिपको 750 मेटिक टन इस प्रकार 3 हजार 477 मेट्रिक ट्न रैक यहां पहुंच चुकी है। इससे स्पष्ट हो रहा है कि जिले में खाद की कोई किल्लत नहीं है, लेकिन किसानों को खाद की किल्लत क्यों बताई जा रही है। यह समझ के परे है फिलहाल कृषि विभाग की तरफ से इसकी तहकीकात जारी है।