वाडी नगर परिषद क्षेत्र में अवैध रूप से चल रहा है वेल्ट्रीट अस्पताल पर शुक्रवार को आग लगने से ४ लोगो की मौत हुई।पिछले पांच-छह साल से धड़ल्ले से चल रहे वेल्ट्रीटमल्टी स्पेशलिस्ट अस्पताल का भांडा अब खुलने के कगार पर आया है।गौरतलब है कि 2015 में इस अस्पताल के लिए सिविल सर्जन से अनुमति मिली थी लेकिन अस्पताल के संचालकों ने अनुमति कैसे प्राप्त की? यह रोचक सवाल हैI अस्पताल के पास अनुमति ना होने का खुलासा हुआ है।
बताया जाता है कि वर्ष 2018 में एक फर्जीवाड़ा अस्पताल संचालकों द्वारा किया जाने का मामला उजागर हुआ था। अस्पताल की अनुमती को रिनयुवल करने के लिए नगर परिषद की अनुमती आवश्यक थी।उस समय मुख्य अधिकारी राजेश भगत ने अनुमति के लिए मना किया तो नगर अध्यक्ष के जाली हस्ताक्षर का इस्तेमाल कर बनावटी प्रमाण पत्र हासिल किया था। बोगस प्रमाण पत्र के आधार पर प्रशासन के साथ धोखाधड़ी करने वाले संचालकों का खुलासा हुआ है। इस संदर्भ में स्थानिक नेताओं ने जिलाधिकारी,सिविल सर्जन व पोलिस प्रशासन तथा स्थानिक न. प में भी शिकायत की गई थी। बताया जाता है की कांग्रेस नेता नाना पडोले का मुख्य आशिर्वाद इस संचालक पर है उस कारण मामला दब जाता था၊ वेलट्रीट अस्पताल को कोविड-१९ की अनुमति के बिना चल रहा था, यहाँ पाजिटीव्ह मरीजो का उपचार किया जाता था၊ यह अधिकार किसने दिया यह भी बड़ा सवाल है၊ इस अस्पताल में मरिजो के जान के साथ खिलवाड होता था၊ सिर्फ पैसो के लिए यह अस्पताल चल रहा था၊ कोई इस पर आवाज उठाता तो जाली आरोप में फसाने की धमकी दिया जाती थी၊इस हादसे में जिनकी मृत हुई है इसके जिम्मेदार अस्पताल संचालक व प्रशासन होने का दावा क्षेत्र में कर रहें है၊वेल्ट उस्पताल के इमारत किराय पर है၊ इमारत मालक के तकरीबन १ करोड किराया बाकी होने की जानकारी हैं၊ हादसे में जिसकी मृत्यु हुई उसके परिवार को 25 लाख की मुआवजा देने की विविध संगठनों द्वारा मांग जोरों पर उठ रही है၊ साथ ही अस्पताल के संचालक का डॉक्टरी परवाना रद्द कर उसके ऊपर कारवाई कर फांसी से चढ़ाने की मांग भी हो रही है၊ 302 के तहत मामला दर्ज करने की मांग हो रही है၊