कौशल हासिल कर शिक्षक अपने क्षेत्र में उंचाइयों पर पहुंचें- डॉ. वंजारी

 

रामटेक।

कविकुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय में आंतरिक गुणवत्ता विकास विभाग द्वारा 1 सितंबर से 7 सितंबर 2021 तक आयोजित सात दिवसीय प्राध्यापक गुणवत्ता विकास कार्यक्रम 07 सितंबर 2021 को संपन्न हुआ। समापन समारोह की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. श्रीनिवास वरखेड़ी ने की। श्रीमती नाथीबाई ठाकर महिला विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति प्रो. डॉ. शशिकला वंजारी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थीं। विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. अखिलेश पेशवे, प्राचार्य धरमपेठ एम. पी. देव स्मृति विज्ञान महाविद्यालय, नागपुर उपस्थित थे। इस अवसर पर कुलसचिव डाॅ. प्रो. हरेकृष्ण अगस्ती, निदेशक,आंतरिक गुणवत्ता विकास प्रकोष्ठ प्रो. नंदा पुरी, निदेशक, रामटेक कैंपस कविता होले, कार्यक्रम समन्वयक प्रो.डॉ. पराग जोशी उपस्थित थे। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रोफेसर अमित भार्गव द्वारा प्रस्तुत वैदिक मंत्रघोष द्वारा किया गया। पराग जोशी ने सात दिवसीय प्रोफेसर गुणवत्ता विकास कार्यक्रम पर संक्षिप्त रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस गुणवत्ता विकास कार्यक्रम में 35 नवनियुक्त प्राध्यापकों को प्रशिक्षित किया गया है और उन्हें अपने विश्वविद्यालय के साथ-साथ उच्च शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षकों के रूप में उनकी भूमिका और जिम्मेदारियों के बारे में जानने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यह गुणवत्ता विकास कार्यक्रम उनकी बहुस्तरीय गुणवत्ता को बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था। डॉ शशिकला वंजारी और डॉ अखिलेश पेशवे को शॉल, नारियल, किताबें और गुलाब के पौधे देकर सम्मानित किया गया। नव नियुक्त प्राध्यापकों को उच्च शिक्षा में अपनी भूमिका और जिम्मेदारी को समझने की जरूरत है। कार्यक्रम का संचालन और धन्यवाद डॉ श्वेता शर्मा ने किया। पूरे प्रशिक्षण पाठ्यक्रम को आदित्य शुक्ला और पवन कलंबे से तकनीकी सहायता मिली।

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