कोरोना को लेकर जिले में हालात भयंकर होते जा रहे हैं. अब भी लोग होम आइसोलेशन में रहकर ही इलाज करा रहे हैं. लेकिन कुछ दिनों बाद जब स्थिति गंभीर हो जाती है तो अस्पतालों में भर्ती होने जा रहे हैं. जबकि प्रशासन द्वारा सिटी में चार कोविड केयर सेंटर बनाए गये हैं,
जहां निःशुल्क इलाज के साथ ही भर्ती करने की भी व्यवस्था है. डॉक्टरों की माने तो अस्पताल में भर्ती होने में देरी का ही नतीजा है कि मृत्यु दर नियंत्रण में नहीं आ रही है. लोगों को अपनी केयर खुद करना होगा, तभी बीमारी पर मात दिया जा सकता है. पिछले 15 दिनों में पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढी हैं, लेकिन कई लोग डर की वजह से घर पर रहकर ही इलाज करा रहे हैं. इतना ही नहीं अपने पड़ोसियों को भी नहीं बता रहे है. न ही किसी निजी विशेषज्ञ डॉक्टर या फिर शासकीय अस्पताल में जाकर इलाज करा रहे हैं. कुछ दिनों बाद जब गंभीर स्थिति बन जाती हैं, तब कहीं जाकर भर्ती हो रहे हैं. भर्ती होने के दिन से ही मरीजों का सही इलाज शुरू होता है. जिनकी हालत में जल्दी सुधार हो आया तो ठीक वरना मौत हो रही है. डॉक्टरों का के कहना है कि मृत्यु दर में कमी नहीं होने का भी यही नतीजा है. प्रशासन द्वारा एमएलए होस्टल, वीएनआईटी, पांचपावली पुलिस क्वाटर्स और आंबेडकर अस्पताल इंदोरा में पॉजिटिव मरीजों को भर्ती करने की व्यवस्था की गई है. यहां नियमित रूप से जांच के साथ ही निःशुल्क भोजन और भर्ती की भी सुविधा है, लेकिन अधिकाधिक लोग इसका लाभ नहीं ले रहे हैं. होम आइसोलेशन में रहने की वजह से परिवार के अन्य सदस्य भी पॉजिटिव हो रहे हैं.