कोरोना की मार से उबरे विद्यार्थियों के सामने बड़ी मुसीबत

राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय से पीएचडी करना अब शोधार्थियों के लिए ज्यादा खर्चिला साबित होने जा रहा है। हाल ही में विश्वविद्यालय ने अपने पीएचडी की फीस तीन गुना तक बढ़ा दी है। वर्ष 2016 में जहां रजिस्ट्रेशन में के लिए शोधार्थियों को 1000 रुपए लगते थे, तो अब उसके लिए 2500 रुपए चुकाने होंगे। वहीं, थीसिस सब्मिशन की फीस भी 8000 से बढ़ा कर 12000 रुपए कर दी गई है। पहले जहां पीएचडी सुपरवाइजर के रूप में मान्यता प्राप्त करने के लिए 1500 रुपए लगते थे, अब इसके लिए 5000 रुपए चुकाने होंगे।
इतना ही नहीं, रिसर्च सेंटर में दाखिले की फीस भी बढ़ा दी गई। है। साइंस फैकल्टी के शोधार्थी को विश्वविद्यालय के कॉलेज या पीजी विभाग या अनुदानित रिसर्च सेंटर में प्रवेश के लिए वार्षिक 6000 रुपए फीस लगेगी। पहले साइंस फैकल्टी के लिए 5000 रुपए लगते थे। वहीं, पूर्व में जहां इंजीनियरिंग व टेक्नोलॉजी फैकल्टी शोधार्थियों को वार्षिक 10,000 रुपए लगते थे, अब उन्हें 12000 रुपए चुकाने शोधार्थियों को पहले जहां 4000 होंगे। इसी तरह ह्यूमेनिटीज, कॉमर्स रुपए लगते थे, तो अब उन्हें 5000 और इंटरडिसिप्लिनरी फैकल्टी के रुपए सालाना चुकाने होंगे।सेल्फ-फायनांस रिसर्च सेंटर की सालाना प्रवेश फीस भी बढ़ाई गई है। साइंस फैकल्टी के लिए वार्षिक 6000 की जगह अब 7000 रुपए चुकाने होगे। वहीं, इंजीनियरिंग व टेक्नोलॉजी के विषयों के लिए अब 16000 की जगह 19000 रुपए चुकाने होंगे। इसी तरह ह्यूमेनिटीज, कॉमर्स और इंटरडिसिप्लिनरी फैकल्टी के शोधार्थियों को 4000 की जगह 5000 रुपए वार्षिक शुल्क चुकाना होगा।समय के साथ होने वाले खर्च को देखते हुए फीस में वृद्धि की गई। है। हमने थीसिस मूल्यांकन करने वाले मूल्यांकनकर्ताओं की फीस भी बढ़ा कर 2000 रुपए की है। इसी तरह पीएचडी परीक्षक को मिलने वाला मानदेय भी बढ़ाया गया है। इसके साथ अन्य प्रक्रिया का शुल्क भी जुड़ जाता है। इसी कारण से पीएचडी की फीस बढ़ाने का निर्णय हुआ है। – डॉ. राजू हिवसे, कुलसचिव

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