केलजार में बाघ की मौत

विदर्भ में बाघों की मौत अब आम बात हो गई है . हर दूसरे दिन कहीं न कहीं से बाघ की मौत की खबर आ रही है . लगातार हो रही बाघों की मौत पर वन विभाग के अधिकारी सिर्फ नियमों के साथ अंतिम संस्कार करने की प्रक्रिया ही पूरी कर रहे हैं . पिछले 12 दिनों में ही 4 बाघों की मौत हो चुकी है . इसमें से दो बाघ जहां दुर्घटना के शिकार बताए जा रहे हैं , तो वहीं दो बाघों की मौत संदेह के घेरे में भी नजर आती है . 13 मार्च को घायल अवस्था में पहुंची अवनी की शावक की भी मौत अचानक से हो गई . उमरेड करांडला में मृत शावक को बरामद किया गया लगातार हो रही बाघों की मौत को लेकर वन विभाग के अधिकारी न तो उनको संरक्षित करने के लिए कोई प्लान बना रहे हैं और न ही लापरवाही करने वालों पर कार्रवाई कर रहे हैं . राष्ट्रीय पशु की मौत को भी काफी हल्के में लेकर अंतिम संस्कार कर निपटा दिया जा रहा है . बाघों की मौत न हो इसको लेकर कोई एक्शन प्लान नहीं है .वन दिवस के दिन भी विदर्भ में एक बाघ की मौत हो गई . सेलू तहसील के तहत केलजार में पीर बाबा पहाड़ी के पास पानी में एक बाघ का शव मिला . बताया जा रहा है कि मृत मादा बाघ की उम्र करीब 4 साल है . सुबह 7 बजे बाघ के शव को नागरिकों ने देखा . जिसके बाद इसकी जानकारी वन विभाग को दी गई पश्चात वन विभाग के कर्मी मौके पर पहुंचे . उन्होंने संभावना जताई की बिजली के कंरट से बाघ की मौत हो सकती है

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