नई दिल्ली.
केन्द्र सरकार ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के पांच अधिकारियों और एक वरिष्ठ सरकारी वकील को जबरन रिटायर कर दिया है. सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अधिकारियों और वकील को मौलिक नियमों के जनहित से जुड़े खंड 56 (जे) के तहत हटाया गया है. सीबीआई के पांच अधिकारियों में एक सहायक पुलिस अधीक्षक और चार पुलिस उपाधीक्षक शामिल हैं.अधिकारियों को तीन माह का वेतन और भत्तों का भुगतान किया जाएगा. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह ईमानदारी और कर्तव्य के प्रदर्शन को सुनिश्चित करने के लिए सीबीआई में जीरो टॉलरेंस पॉलिसी का हिस्सा है. मौलिक नियमों के जनहित से जुड़े खंड 56 (जे) के तहत सरकार को कम से कम तीन महीने का लिखित नोटिस देकर या ऐसे नोटिस के बदले तीन महीने के वेतन और भत्ते देकर (उम्र और सेवा के मानदंडों को पूरा करने वाले) किसी भी सरकारी कर्मचारी को सार्वजनिक हित में सेवानिवृत्त करने का पूर्ण अधिकार है.इससे पहले जून 2019 में मोदी सरकार ने आयकर विभाग के 12 सहित 27 वरिष्ठ भारतीय राजस्व सेवा अधिकारियों को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त कर दिया था. एक जॉइंट कमिश्नर रैंक के अधिकारी समेत बारह वरिष्ठ आयकर (आईटी) अधिकारियों को भ्रष्टाचार और पेशेवर कदाचार के आरोप में सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था.