कृषि नीति पर पुन: चिंतन की जरूरत

पीलीभीत। (एजेंसी)।
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले के सांसद वरुण गांधी ने एक बार फिर अपनी ही सरकार पर निशाना साधा है। लखीमपुर में किसान के अपने ही धान के ढेर में आग लगाए जाने के मामले में सांसद वरुण गांधी ने ट्वीट किया और पूरे मामले का वीडियो साझा करते हुए लिखा कि कृषि नीति पर पुनर्चिंतन आज सबसे बड़ी जरूरत है।लखीमपुर जिले के मोहम्मदी तहसील क्षेत्र के एक गांव के रहने वाले किसान समोध सिंह धान लेकर मोहम्मदी की मंडी परिसर में पहुंचे थे। यहां केंद्र प्रभारी ने बारदाना न होने का हवाला देकर उन्हें इंतजार करने को कहा, जिसके बाद किसान समोध सिंह लगातार धान तोल कराने के लिए सेंटरों के चक्कर काटते नजर आए। अधिकारियों के आश्वासन के बाद भी जब धान की खरीद नहीं हुई तो समोध सिंह ने अपने धान के ढेर पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था।पीलीभीत जिले के सांसद वरुण गांधी ने लखीमपुर में किसान के अपने ही धान में आग लगाए जाने की घटना का वीडियो साझा कर लिखा, ‘समोध सिंह पिछले 15 दिनों से अपने धान की फसल बेचने के लिए मंडियों में चक्कर लगा रहे थे। जब धान नहीं बिका तो निराश होकर किसान ने स्वयं धान में आग लगा दी।’ इसके साथ ही सांसद वरुण गांधी ने व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए लिखा, ‘इस व्यवस्था ने किसानों को कहां लाकर खड़ा कर दिया है कृषि नीति पर पुन: चिंतन आज की सबसे बड़ी जरूरत है।’ यह कोई पहला मामला नहीं है कि सांसद वरुण गांधी ने किसानों के समर्थन में कोई ट्वीट किया हो। इससे पहले भी सांसद वरुण गांधी ट्वीट कर अपनी ही सरकार को घेरने का काम कर चुके हैं। बीते दिनों सांसद वरुण गांधी ने अटल बिहारी वाजपेई का एक वीडियो साझा किया था, जिसमें वह किसानों के समर्थन की बात कर रहे थे। इसके साथ ही सांसद वरुण गांधी इससे पहले भी धान खरीद की नीति और गन्ने के मूल्य को बढ़ाने के लिए सीएम योगी को पत्र लिख सुर्खियों में रह चुके हैं।

यूपी के कृषि मंत्री ने साधी चुप्पी
उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही एक दिवसीय दौरे पर पीलीभीत पहुंचे थे। जहां हेलीकॉप्टर के जरिए कृषि मंत्री ने बाढ़ की चपेट में आए इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया था। जिसके बाद पुलिस लाइन में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब कृषि मंत्री से सांसद वरुण गांधी के ट्वीट को लेकर सवाल किया गया, तो कृषि मंत्री ने कहा फिलहाल मुझे इस पूरे मामले पर अभी कुछ नहीं कहना।

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