कुही:
देश में चलाए जा रहे सफाई अभियान के तहत स्वच्छता सर्वेक्षण में पुरस्कार प्राप्त करने वाली कुही नगर पंचायत का इन दिनों शहर की साफ-सफाई की ओर जरा भी ध्यान नहीं है. सफाई ठेकेदार भी अपनी मनमर्जी अनुसार ही काम कर रहे हैं. इन ठेकेदारों पर नगर पंचायत के अधिकारियों का भी कोई अंकुश नहीं दिखाई दे रहा रहा है. कुही के 17 प्रभाग में गंदगी का आलम है. जिसकी ओर नगर पंचायत द्वारा अनदेखी की जा रही है. जगह-जगह गंदगी फैली है. गंदगी और परिसर में बढ़ रहे मच्छरों की वजह से लोगों को कई बीमारियों का सामना करना पड रहा है.
पिछले एक महीने से वार्ड में सफाई नहीं की गई है. जिसकी वजह से हर जगह पर कचरा और गंदगी का साम्राज्य दिखाई दे रहा है. गंदगी की वजह से पल रहे मच्छरों से कुही में डेंगू के मरीजों ने 100 का आंकड़ा पार कर लिया है. देश में स्वच्छता का पुरस्कार पाने वाला कुही गांव इन दिनों गंदगी की मार झेल रहा है. नगर पंचायत के अधिकारी की लापरवाही अब लोगों की जान से खिलवाड़ कर रही है.
बताया जा रहा है ठेकेदार द्वारा सफाई कामगारों को उनका वेतन व अन्य सुविधाएं पूरी तरह से मुहैया नहीं कराई जा रही है. जिसके कारण सफाई कामगार भी गांव की सफाई करने से मना कर रहे हैं. जिसके कारण नियमित रूप से होनेवाली सफाई प्रभावित होकर अब यह कार्य पूरी तरह से ठप सा हो गया है . ऐसे में पुराना ठेका भी रद्द कर दिया गया.
सफाई नहीं होने से डेंगू का प्रकोप निरंतर बढ़ते जा रहा है. नागपुर जिले में डेंगू के बारे में कुही तहसील सबसे आगे है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से दिये गए आंकड़ों के अनुसार कुही तहसील में 238 मरीज है . उसमें से अकेले कुही शहर में ही 100 डेंगू के मरीज पाए गए है.
क्या कहते हैं नागरिक
सामाजिक कार्यकर्ता नामदेव मारबते, प्रशांत भांडारकर, कैलाश चौधरी, प्रहार जनशक्ति पार्टी के कुही शहर सचिव रोशन बांते, कांग्रेस कुही शहर अध्यक्ष विलास राघोर्ते व प्रशांत दसमवर ने नगर पंचायत के इस कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं. कई बार सफाई ठेकेदार के साथ ही वार्ड में फैली गंदगी के बारे में नगर पंचायत से शिकायत की है. लेकिन अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे है