रामटेक।
नागपुर जिले में किसानों को आवश्यक विभिन्न मशीनरी और विभिन्न वस्तुओं की आपूर्ति के लिए जिला खनिज फाउंडेशन द्वारा प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी, जिसे लेना आवश्यक था और सामग्री लेने के बाद, किसानों द्वारा 10 प्रतिशत भागीदारी की जानी चाहिए। डीबीटी के मुताबिक, किसानों को सामग्री खरीद के बिल का भुगतान करने के बाद लाभ दिया जाना था। (आत्मा) विभाग ने खुद आदेश कर कंपनी का नाम क्रम में लगा दिया और जबरन किसान समूह के अध्यक्ष व सचिवोंके हस्ताक्षर ले लिए जबकी पहले ही सारा साहीत्य गांवों में पहुंच गया था। इस तरह के आदेश परियोजना निदेशक (आत्मा) द्वारा जारी किए गए थे और जब किसान शिकायत दर्ज कराने गए तो किसानों को माल खरीदने का अधिकार नहीं है ऐसा भ्रामक प्रचार अधिकारियों द्वारा किया गया। एक ओर राज्य सरकार का कहना है कि किसान डीबीटी के माध्यम से जो चाहें खरीद लें, दूसरी ओर अधिकारी योजना बनाकर किसानों को गुमराह करते हैं।पारशिवनी तालुका में इस तरह का भ्रष्टाचार सामने आया है।
किसानों ने विधायक आशीष जयसवाल के पास शिकायत दर्ज कराने के बाद यह सब भ्रष्टाचार उजागर किया और यह अनुमान लगाया जा रहा है कि नागपुर जिले के अन्य तालुकों में भी इसी तरह के मामले हो सकते हैं। विधायक जयसवाल ने इन सभी मुद्दों का विरोध किया और नलिनी भोयर, प्रकल्प संचालक आत्मा, नागपुर से उनके कार्यालय जाकर विधायक आशीष जयस्वाल ने मुलाकात की और उन्हे उपरोक्त भ्रष्टाचार के बारे में बताया. वे महाराष्ट्र के कृषि मंत्री दादा भूसे को भी इस बाबत सूचित करेंगे। जैसवाल ने इस समय यह भी स्पष्ट किया। उन्होंने मांग की है कि भले ही सरकार की नीयत अच्छी हो। लेकीन सरकार को बदनाम करने वाले कुछ अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।