नागपुर। केंद्रीय खट्टे फल अनुसंधान संस्थान (सीसीआरआई) को किसानों तक प्रौद्योगिकी लाने के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य करना चाहिए। इस संगठन में सर्वोत्तम तकनीक का उपयोग कृषि क्षेत्र के गुणात्मक विकास के लिए किया जाना चाहिए। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार को दुनिया में सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने के लिए संगठन के साथ एक संयुक्त उद्यम का आह्वान किया। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान – भाकृअनुप- सीआईसीआर के अंतर्गत अमरावती रोड स्थित केंद्रीय खट्टे फल अनुसंधान संस्थान ने राष्ट्रीय मृदा सर्वेक्षण और भूमि अनुप्रयोग में ‘सार्वजनिक निजी भागीदारी के माध्यम से रोग मुक्त साइट्रस पौधों का उत्पादन’ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन किया। इस अवसर पर आईसीएआर के सचिव डॉ. त्रिलोचन महापात्र, निदेशक, सीसीआरआई डॉ. दिलीप घोष, पूर्व अध्यक्ष, कृषि वैज्ञानिक चयन बोर्ड मुख्य रूप से उपस्थित थे। संतरे की फसल की गुणवत्ता में भी सुधार के लिए अनुसंधान की आवश्यकता है। इसके लिए सीसीआरआई द्वारा संतरे के ‘रूट स्टॉक’ की अच्छी गुणवत्ता तैयार कर किसानों को सस्ती दरों पर दी जाए। इसके लिए गडकरी ने निजी नर्सरी, डॉ. पंजाबराव कृषि विश्वविद्यालय और दुनिया के अन्य संस्थानों के साथ संयुक्त उद्यम करने का सुझाव दिया, जिनके पास सबसे अच्छी तकनीक है। गडकरी ने कहा कि अगर संतरे के उत्पादन की लागत को कम करने के लिए ड्रोन द्वारा नैनो यूरिया का छिड़काव किया जाता है, तो फसल को अधिक तरल यूरिया मिलेगा और उपज में वृद्धि होगी।
संतरा उत्पादकों में उपकरण वितरित
दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के अवसर पर संतरा उत्पादकों को उपकरण भी वितरित किए गए। गणमान्य व्यक्तियों द्वारा नर्सरी एवं प्रसंस्करण उद्योग के मालिकों का अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर डॉ. दिलीप घोष ने संस्था द्वारा बनाए गए ‘नेशनल साइट्रस डिपॉजिटरी’ की जानकारी दी। इसमें विदेशों से लाई गई संतरे की फसल के 500 जर्मप्लाज्म की खेती की जा रही है और रोगमुक्त पौध वितरित किए गए। घोष ने कहा। डॉ सी.डी. माई ने कहा कि सीसीआरआई ने किसानों को हर साल एक लाख से डेढ़ लाख रोग मुक्त संतरे के पौधे उपलब्ध कराए हैं और आगे और वृद्धि की उम्मीद जताई है। सीसीआरआई द्वारा प्रकाशित ब्रोशर का प्रकाशन और साथ ही कृषि विज्ञान केंद्र गढ़चिरौली में सीसीआरआई द्वारा प्रयोगशाला सामग्री का हस्तांतरण गणमान्य व्यक्तियों द्वारा किया गया था। सम्मेलन में बड़ी संख्या में आईसीएआर के अधिकारी, नर्सरी मालिक, विदर्भ के कटोल वरुद मोर्शी के साथ-साथ नागपुर और अमरावती जिलों के संतरा उत्पादकों ने भाग लिया।
Saturday, November 23, 2024
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