कारधा-नीलाज मार्ग से जान हथेली पर रख के चल रहे लोग

भंडारा निलज महामार्ग का कार्य शुरू होकर वर्षों हो गए। कुछ जगहों पर काम किया है, परंतु जहा कार्य अधूरे बचे है वहां वाहन चालकों को जान हथेली पर लेकर सफर करना पड़ रहा है। बारिश के बाद सड़कों पर गड्ढों में पानी भर गया। आस पास कीचड़ फैल गया है। इस तरह के एक बुरे रास्ते पर यात्रा कैसे करें नागरिकों, यात्रियों और छात्रों द्वारा प्रश्न पूछे जा रहे हैं।
महामार्ग तैयार करने के लिए जहा खुदाई कार्य किए वहां के कार्य आज भी अधूरे छोड़े गए है। दवड़ीपार से बोरगांव महामार्ग पर तो गड्ढों की भरमार है। यह पर वाहन धारकों को वाहन चलाते समय रुक रुक कर वाहन चलाना पड़ता है। यह रास्ता यहीं से टूटा है, परंतु अब तक संबंधित विभाग इस ओर अनदेखी कर रहा है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भंडारा जिले में पहुंचे तो गड्ढों में मिट्टी और मुरुम भर गए,
परंतु अब इस मार्ग पर फिर से गड्ढे दिखाई दे रहे है। भंडारा से निलज महामार्ग सबसे अधिक परेशानी दवडीपार से बोरगाव फाटा, इटगांव तथा वहा से आगे नेरला तक होती है। कुछ महीनों के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का आगमन भंडारा जिले में हुआ। उसी समय संबंधित विभाग ने तथा जिम्मेदार अधिकारी ने इस मार्ग के गड्ढे भरे गए थे। इसलिए ग्रामस्थ, प्रवासी तथा वाहन चालकों ने उस समय नितीन गडकरी का आभार माना, पर कुछ दिनों में स्थिति बदतर हो गई।

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