कानूनी विवाद के बाद भी इंटक में हैं, श्रमिकों की आस्था

वेकोलि नागपुर मुख्यालय के अंर्तगत कुल 10 एरिया का समावेश होने के साथ जहां कोयला श्रमिक सभा पिछले 2 वर्षों से नंबर एक पर कायम हैं, वहीं पर इंटक के प्रति श्रमिकों की आस्था कम होती नहीं दिख रही हैं, यही कारण हैं, कि कानूनी विवाद की लडाई लडने के साथ ही कुल श्रमिकों में 5000 हजार से अधिक श्रमिकों के प्रति आस्थावान बनी हुई हैं. इंटक युनियन जो की वेकोलि में किसी समय नंबर 1 की युनियन मानी जाती थी.इंटक के नेताओं की एक आवाज पर हजारों श्रमिक वेकोलि प्रबंधन के विरूद्व आवाज उठाने को तैयार हो जाते थे.किसी समय वेकोलि में कार्य करने वाले श्रमिकों में इंटक की दावेदारी 37 प्रश से अधिक रहती थी.जिसमें इंटक के महामंत्री के रूप में एस.क्यु.जमा तथा नागपुर स्तर स्व.आर.पी.सिंह की तूती बोलती थी. इंटक परिवार बढने के साथ गुटबाजी शुरू हो गई,जिसमें इंटक में कई दावेदारों के द्वारा शिवसेना_शिंदे गुट की तरह इंटक पर दावा किया जाने लगा, जिसमें मामला न्यायालय जा पहुंचा. 2017 से न्यायालय में किसी ना किसी मुद्दे पर इंटक को वेकोलि की सभी समितीयों से बाहर रखा गया हैं, जिसमें वेकोलि में कार्यरत इंटक युनियन के समर्थक श्रमिकों को प्रशासनिक कार्यों को अंजाम देने में बडी समस्या का सामना करना पड रहा हैं, फिर भी इंटक की सदस्यता 5 हजार से अधिक होना यह आस्था का परिचायक बनता दिख रहा हैं.ज्ञात हो की इंटक महामंत्री के रूप में कार्यरत एस.क्यु.जमा के द्वारा जिस समय इंटक नागपुर एरिया अध्यक्ष के रूप में शिवकुमार यादव को नियुक्त किया गया था, उस समय भी इंटक अन्य युनियन से सदस्यता अभियान में बहुत आगे थी. समय के साथ 2012 में शिवकुमार यादव को इंटक से मोहभंग होने के बाद से इंटक धीरे धीरे श्रमिक संख्या बल में कम होने लगी, वर्तमान में कोयला श्रमिक सभा के वेकोलि अध्यक्ष एवं जेबीसीसीआई सदस्य तथा असंगठीत कामगारों का भारत सरकार के समझ प्रकरण रखने वाले शिवकुमार यादव के द्वारा 2012-13 से कोयला श्रमिक सभा कमान सभाली गई. जिसके बाद से ही इंटक में छुपी गुटबाजी खुल कर सामने आ गई, तथा इंटक धीरे धीरे न्यायालय की प्रक्रिया में फंसने लगी, वर्तमान समय में इंटक 2017 से जेसीसी, हाऊसिंग, जेबीसीसीआई, आईआर सहित वेकोलि की सभी प्रशासनिक समितीयों से बाहर हैं, फिर भी इंटक में 5000 से अधिक श्रमिकों की सदस्य संख्या होना किसी चमत्कार से कम नहीं हैं. जबकि दूसरे छोर पर इंटक से निकलकर कोयला श्रमिक सभा में जाने वाले शिवकुमार यादव के द्वारा कोयला श्रमिक सभा को पूरे वेकोलि क्षेत्र में प्रथम क्रमांक पर ला दिया हैं. इस संर्दभ में अन्य युनियन के पदाधिकारियों की माने तो इंटक का आईआर में प्रवेश होने के बाद फिर से इंटक के पुराने दिन लौट सकते हैं, परंतु यह समय कब लौटेंगा,यह समय के गर्भ में छिपा हैं.

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