नई दिल्ली. महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार को बड़ा झटका देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को स्थानीय चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने से इनकार कर दिया है. अदालत ने चुनाव आयोग से यह भी कहा है कि पहले से आरक्षित की जा चुकी सीटों को सामान्य सीटों में तब्दील किया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला उन याचिकाओं पर सुनवाई में दिया है, जिनमें राज्य कैबिनेट की तरफ से 3 सितंबर 2021 को मंजूर किए गए प्रस्ताव को चुनौती दी गई थी. इस प्रस्ताव में राज्य कैबिनेट ने महाराष्ट्र के नगर पंचायत चुनावों में अन्य पिछड़े वर्ग को आरक्षण देने के अध्यादेश के मसौदे में बदलाव को मंजूरी दी थी. पिछले सप्ताह इन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस ए.एम. खानविलकर और जस्टिस सी.टी. रविकुमार की पीठ ने अगले आदेश तक निकाय चुनावों में 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण पर रोक लगा दी थी. इसके बाद राज्य सरकार ने हस्तक्षेप याचिका दायर कर 21 दिसंबर को होने वाले नगर पंचायत चुनाव को रद्द करने या तीन महीने तक टालने की मांग की थी, जिसे अदालत ने आज खारिज करते हुए अपना फैसला सुनाया है. इसका मतलब यह हुआ कि महाराष्ट्र में 21 दिसंबर को होने वाले नगर पंचायत चुनाव अदालत के नए आदेश के मुताबिक कराए जाएंगे.
एक दिन में घोषित करना होगा परिणाम
अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि चुनावों का परिणाम एक ही दिन में घोषित करना होगा. इस मामले की अगली सुनवाई अब 17 जनवरी को होगी. बता दें कि 21 दिसंबर को राज्य की 105 नगर पंचायतों और 2 जिला परिषद के लिए चुनाव होने हैं। इन सीटों पर अब बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव होगा.