एसएमई आईपीओ पर सेबी की कड़ी नजर

मार्केट रेगुलेटर सेबी एसएमई आईपीओ सेगमेंट के तेज उछाल पर कड़ी नजर रखे हुए है. छोटी कंपनियों के आईपीओ में पिछले साल से ही जबरदस्त तेजी देखी जा रही है. इस साल की शुरुआत से अभी तक मात्र 5 महीनों में 90 से ज्यादा एसएमई कंपनियां आईपीओ ला चुकी हैं. वित्त वर्ष 2024 में यह आंकड़ा 204 आईपीओ का था. यह उछाल भले ही मार्केट के पॉजिटिव होने का संकेत देती हो लेकिन, सेबी को आशंका है कि कई कंपनियों ने आईपीओ को लेकर हेरफेर की है. ऐसे में निवेशकों के हित को सुरक्षित रखने के लिए सेबी नियम कड़े करने की तैयारी कर रहा है. सेबी को ऐसे कई मामलों का पता लगा है, जहां कंपनी की आर्थिक स्थिति उतनी मजबूत न होने के बावजूद उसका आईपीओ कई गुना ओवर सब्सक्राइब हुआ है. इससे कंपनियों के प्रमोटरों को फायदा पहुंचा है.
अब बेहतर निगरानी के लिए सेबी जल्द ही लिस्टिंग नियमों को कड़ा कर सकता है. सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने हाल ही में कहा था कि कुछ कंपनियां कीमतों में हेरफेर कर रही हैं. ये छोटी कंपनियां हैं. इनका मार्केट कैप भी कम है. ये आसानी से आईपीओ और ट्रेडिंग लेवल पर कीमतों में हेरफेर कर सकती हैं. बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, मार्केट विशेषज्ञों का कहना है कि एसएमई आईपीओ चिंताएं पैदा कर रहे हैं. इनकी लिस्टिंग के नियम भी मेनबोर्ड कंपनियों के मुकाबले आसान हैं. इससे दिक्कत पैदा हुई है.

एसएमई कंपनियां स्वस्थ इकोनॉमी के लिए बेहद जरूरी
हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ कंपनियों द्वारा कीमतों में हेरफेर के चलते एसएमई सेगमेंट में उछाल को नकारा नहीं जा सकता. ये कंपनियों इकोनॉमी के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. इनसे बड़ी संख्या में रोजगार भी पैदा होता है. आईपीओ के जरिए तेजी से संसाधन जुटाकर ये इकोनॉमी को और मजबूत करेंगी.

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