रा का पा. व्यापारी आघाडी, नागपुर के अध्यक्ष श्री स्वप्निल अहिरकर से महाराष्ट्र राज्य के उपमुख्यमंत्री व वित्तंत्री माननीय श्री अजितदादा पवार से प्रतिवेदन देकर एल.बी.टी. की कानूनन प्रक्रिया को पूर्णतया खत्म करने का आव्हान किया।
उन्होंने कहा कि एल.बी.टी. टैक्स कानूनन खत्म होने का बाद भी उसका भूत आज भी जिन्दा है। एल.बी.टी. विभाग द्वारा असेसमेंट के नाम पर व्यापारियों को परेशान किया जा रहा है तथा विभाग द्वारा के Best Judgement/Penalty के नाम पर अव्यवहारिक डिमांड नोटिस भेजे जा रहे है।
एल. बी.टी. विभाग द्वारा वर्ष 2013-14 के असेसमेंट ऑर्डर, जो कि 30 मार्च 2020 के बने हुये, उन्हें अभी अनलॉक-1 के बाद से व्यापारियों को भेजे जा रहे है। कोरोना महामारी के लॉकडाउन के कारण व्यापार बंद रहने के कारण व्यापारियों को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लॉकडाउन में भी व्यापारियों को स्थायित्व खर्चे जैसे- दुकान किराया, वैकिंग किस्त एवं व्याज, कर्मचारियों के वेतन, बिजली एवं टेलीफोन बिल के साथ-साथ स्वंय के परिवार के खर्चे निरंतर लागू है। वर्तमान में महानगरपालिका द्वारा “work from rule के तहत व्यापारी को असेसमेंट ऑर्डर भेजे जा रहे है। यदि व्यापारी द्वारा तय समय सीमा के अंदर असेसमेंट ऑर्डर का जवाब नहीं दिया जाता हैं तो एकपक्षीय डिमांड नोटिस भेजे जा रहे है तथा डिमांड राशी का 30% भुगतान के पश्चात ही अपील में जा सकते है।
LBT के डिमांड नोटिस को जवाब नहीं देने जो व्यापारियों के बैंक खाते Cease किये जा रहे हैं एवं LBT का चालान का भुगतान केवल म.न.पा. कार्यालय के महाराष्ट्र बैंक अलावा अन्य किसी बैंक द्वारा स्वीकार नहीं किये जा रहे जो कि बहुत ही अहितकारी व अन्यायकारी है। ऐसे में व्यापारी चाहते हुये LBT का भुगतान नहीं कर पा रहे है, एक तरफ कोरोना काल आर्थिक परेशानियों दुसरी और LBT विभाग की अव्यवहारिक फैसलों से व्यापारी दबा जा रहा है। अतः आपसे निवेदन है कि कोरोना महामारी की वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुये सरकार ने एल.बी.टी. की कानूनन प्रक्रिया को पूर्णतयाः समाप्त करने की व्यवस्था कर व्यापारियों को राहत देना चाहिये