एक सीट पर बैठे नजर आए ज्योतिरादित्य सिंधिया और सोनिया गांधी

नई संसद में जाने से पहले आज सेंट्रल हॉल में रोचक तस्वीर सामने आई। जब सोनिया गांधी के बगल में ज्योतिरादित्य सिंधिया अगल-बगल बैठे दिखाई दिए। ये तस्वीर उस वक्त सामने आई, जब सेंट्रल हॉल में आखिरी संयुक्त सेशन को पीएम नरेंद्र मोदी संबोधित कर रहे थे। संयुक्त सेशन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सत्ता पक्ष और विपक्ष के सभी सांसदों से मुस्कुराकर मिलते दिखाई दिये। वह कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से भी बातचीत करते दिखाई दिये। क्या था पूरा मामला?दरअसल, सेंट्रल हॉल में पुरानी संसद की कार्यवाही के अंतिम दिन संयुक्त सेशन रखा गया था। इस सेशल में सभी दलों के सांसद मौजूद रहे। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी भी सेंट्रल हॉल में पहुंची थीं। उनके साथ लोकसभा और राज्यसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, मल्लिकार्जुन खरगे भी थे। दोनों नेता सोनिया गांधी के साथ ही बैठे थे। जब तक कार्यक्रम की शुरूआत नहीं हुई। जब कार्यक्रम शुरू हुआ तो मल्लिकार्जुन खरगे और अधीर रंजन चौधरी को मंच पर जगह दी गई। इसके बाद सोनिया गांधी वाली सीट खाली हो गई। बराबर की सीट पर जगह कम होने के कारण ज्योतिरादित्य सिंधिया उठकर सोनिया गांधी के बगल में जाकर बैठ गए।राज्यसभा और लोकसभा का अंतिम संयुक्त सेशन
नई संसद में जाने से पहले सेंट्रल हॉल में राज्यसभा और लोकसभा का संयुक्त सेशन रखा गया। यहां पर पीएम मोदी विपक्षी सांसदों से मिले. उन्होंने सभी का अभिनंदन किया. इसी दौरान कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के बगल में केंद्रीय मंत्री सिंधिया सबसे आगे की सीट पर बैठे दिखाई दिए। कभी कांग्रेस पार्टी के साथ रहे सिंधिया ने मार्च 2020 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वॉइन कर ली थी। इस दौरान सिंधिया काफी खुश दिखाई दिए। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच कोई बातचीत नहीं हुई।पीएम मोदी के साथ पैदल नई संसद पहुंचे सांसद प्रधानमंत्री के नेतृत्व में, कई सांसद मंगलवार को पुरानी इमारत से पैदल चलकर नए संसद भवन पहुंचे। इसके कुछ देर बाद संसद के नये भवन में लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई। प्रधानमंत्री मोदी के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रमुख जे पी नड्डा थे। उनके पीछे राजग सांसद ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ जैसे नारे लगाते हुए चल रहे थे।लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी अलग से, पैदल चलकर नए संसद भवन पहुंचे। बाद में, विपक्षी दलों के कई सांसदों को भी नए संसद परिसर की ओर पैदल जाते देखा गया। इससे पहले, सांसदों ने पुराने संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में आयोजित एक समारोह में भाग लिया।संविधान सदन’ के नाम से जानी जाएगी पुरानी संसद पीएम मोदी ने कहा- अब जबकि हम संसद के नए भवन में जा रहे हैं तो पुरानी संसद को भूलें नहीं। इसलिए अब इसे ‘संविधान सदन’ के रूप में जाना जाए, जिससे पुरानी संसद के प्रति गरिमा बनी रहे। पीएम ने कहा- ‘आजादी के पूर्व यह खंड एक तरह से लाइब्रेरी के रूप में इस्तेमाल होता था..आजादी के बाद में संविधान सभा की बैठकें यहां हुईं और संविधान सभा की बैठकों के द्वारा गहन चर्चा के बाद हमारे संविधान ने यहां आकार लिया। यहीं पर 1947 में अंग्रेजी हुकूमत ने सत्ता हस्तांतर किया। उस प्रक्रिया का साक्षी यह सेंट्रल हॉल है। इसी सेंट्रल हॉल में हमारे तिरंगे, राष्ट्रगान को अपनाया गया। इस एतिहासिक अवसरों पर आजादी के बाद अनेक अवसर आए, जब दोनों सदनों के मिलकर भारत के भाग्य को गणने के लिए सहमति बनाई।

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