केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में अपनी जिंदगी से जुड़े कई अहम खुलासे किए हैं। इस दौरान गडकरी ने बताया कि बालासाहेब ठाकरे उनको किस नाम से बुलाते थे? पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कौन सी दो बातों का उनकी जिंदगी पर गहरा प्रभाव है और कैसे उनका इंजीनियरिंग के लिए एडमिशन नहीं हो पाया था?
एक सवाल के जवाब में नितिन गडकरी ने कहा कि मेरे घर पर राजनीति को लेकर चर्चा नहीं होती है। मैं टीवी और न्यूज पेपर कम ही देखता हूं। इतना ही जानता हूं कि देश के लिए कुछ करने का मौका मिला है, ज्यादा से ज्यादा क्या कर सकता हूं यही सोचता हूं। मेरे मन में बस यही एक भाव है।
गडकरी ने कहा कि यह लोगों का प्रेम है कि वो मुझे किस नाम से बुलाते हैं। उन्होंने कहा कि एक प्रिया तेंदुलकर नाम की एक बड़ी एक्ट्रेस थी, जब मैंने मुंबई में ब्रिज बनाए थे, तो उसने मुझे ‘ब्रिजभूषण’ नाम दिया था, फिर बालासाहेब ने मुझे गडकरी की बजाय ‘रोडकरी’ नाम दिया। गडकरी ने कहा कि यह रोड शब्द मेरे साथ महाराष्ट्र से जुड़े हुए हैं। केंद्रीय मंत्री से जब पूछा गया कि आपका पसंदीदा नाम कौन सा है? इसके जवाब में उन्होंने मुस्कराते हुए कहा कि मेरा नाम नितिन गडकरी ही है। मैं जो भी हूं जमीन पर हूं, जब कभी तारीफ होती है तो मुझे खुशी भी होती है।
इस दौरान गडकरी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मैं अटल बिहारी वाजपेयी को अक्सर याद रखता हूं। उनकी दो बातें मेरी जिंदगी के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। एक बात उन्होंने मुझसे व्यक्तिगत तौर पर कही थी कि तुम्हारे पास कितनी भी भीड़ हो, लेकिन जो व्यक्ति तुम्हारे घर आया हो, उससे बिना मिले न जाएं। उससे जरूर बात करो।
दूसरी बात अटल जी ने कहा थी- हे भगवान! मुझे इतनी ऊंचाई कभी मत देना कि मैं अपनों को गले न लगा सकूं। गडकरी ने कहा कि मुझसे सभी धर्म, जाति यहां तक कि दिव्यांग भी मिलने आते हैं। मैं सभी की बात सुनता हूं और जहां तक संभव होता है लोगों की मदद करता हूं। उन्होंने कहा कि यह जो राजनीति आप देख रहे हैं, यह सत्ताकरण है। उन्होंने कहा कि राजकरण का अर्थ है- समाजकरण, विकासकरण और राष्ट्रकरण।
Sunday, November 24, 2024
Offcanvas menu