हिंगणघाट।
राष्ट्रीय कीट नियंत्रण कार्यक्रम के तहत राष्ट्रीय हाथी रोग नियंत्रण अनुमंडल उपजिला अस्पताल, हिंगनघाट ने हाथी रोग के रोगियों को हाथी रोग प्रबंधन किट वितरित की। इस अवसर पर विधायक समीर कुणावार एवं हिंगणघाट उप जिला अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. चाचरकर एवं वर्धा जिला मलेरिया एवं हाथी रोग अधिकारी श्रीमती जयश्री थोटे मैडम मौजूद थीं। जिला हाथी रोग पर्यवेक्षक दिलीप बरबट, प्रयोगशाला तकनीशियन चिंचोलकर और चिकित्सा अधिकारी डॉ भूषण वसाडे उपस्थित थे। हाथीरोग के बाद मरीजों को पैरों से जुड़ी कई तरह की बीमारियों से जूझना पड़ता है। श्रीमती थोटे मैडम ने हाथी पांव के रोगियों को इस संकट से बचाने के लिए किए जाने वाले निवारक उपायों के बारे में विस्तृत मार्गदर्शन दिया। विधायक समीर कुणावार ने भविष्य में हाथी के रोगियों की संख्या को कम करने में सामाजिक भागीदारी के महत्व को रेखांकित किया। अपने भाषण में हिंगणघाट उप-जिला अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. चाचरकर ने हाथी रोग के उपायो के बारे में जानकारी देकर उपाय और बचाव के बारे में मार्गदर्शन किया। इस कार्यक्रम में हिंगणघाट और समुद्रपुर तालुका के सभी ग्रामीण क्षेत्रों के हाथी के रोगियों ने भाग लिया। दोनों तालुकों में कुल 135 हाथी रोगियों को हाथी प्रबंधन किट दी गई। कार्यक्रम का परिचय हाथी रोग उप टीम के प्रभारी स्वास्थ्य सहायक उमेश मेश्राम द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन श्री लिडबे द्वारा किया गया और आभार प्रदर्शन सचिन खंडार ने किया। कार्यक्रम की सफलता में अमोल कुमरे, सुभाष वाडगे, राम मेश्राम, रोशन सावलीकर, मनोज वरभे, प्रशांत बारडे, कमल शेंडे, सिद्धार्थ बहाडे आदि ने सहयोग किया।