नागपुर। एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने ईपीएफओ के अधीक्षक को 40,000 रुपए की रिश्वत लेते हुए बुधवार को रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। अर्जित अवकाश की रकम के प्रस्ताव में सुधार कर फाइल कोषागार कार्यालय में भेजने के एवज में आरोपी ने रिटायर्ड मुख्याध्यापक से 50,000 रुपये की रिश्वत की मांग की थी। इस कार्रवाई से ईपीएफओ कार्यालय में हड़कंप मच गया है. पकड़ा गया आरोपी प्रमोद झांगो सोनटक्के बताया गया है.
सोनटक्के सिविल लाइन्स स्थित प्रशासकीय इमारत क्र. 2 में स्थित ईपीएफओ माध्यमिक कार्यालय में अधीक्षक पद पर कार्यरत है. एक सेवानिवृत्त मुख्याध्यापक की शिकायत पर एसीबी ने यह कार्रवाई की. शिकायतकर्ता ने सेवानिवृत्त होने के बाद अर्जित अवकाश की राशि के लिए आवेदन किया था. ट्रेजरी कार्यालय ने उनके दस्तावेजों में कुछ त्रुटि निकाली थी और प्रकरण को ईपीएफओ कार्यालय भेजा था.
अपने आवेदन के बारे में जानकारी लेने के लिए शिकायतकर्ता सोनटक्के के कार्यालय में गए थे. जहां सोनटक्के ने उनके दस्तावेजों की त्रुटि दूर कर जल्द से जल्द निधि दिलाने के एवज में 50,000 रुपये बतौर रिश्वत की मांग की थी.
पीड़ित ने इसकी शिकायत एसीबी से कर दी. एसीबी के एसपी राहुल माकणीकर, एडिशनल एसपी संजय पुरंदरे और डीवायएसपी अनामिका मिजार्पुरे के मार्गदर्शन में इंस्पेक्टर प्रवीण लाकड़े, कांस्टेबल सारंग बालपांडे, आशू श्रीरामे, अस्मिता मेश्राम, प्रफुल बांगड़े और राजू जांभुलकर ने वेरिफिकेशन के बाद सोनटक्के के कार्यालय में जाल बिछाया. निवेदन करने पर सोनटक्के 40,000 रुपये लेने के लिए मान गया. जैसे ही उसने रिश्वत की रकम स्वीकार की, वैसे ही पहले से ही ताक में बैठी एसीबी की टीम ने उसे दबोच लिया.
सदर थाने में भ्रष्टाचार प्रतिबंधक कानून के तहत मामला दर्ज कर सोनटक्के को गिरफ्तार किया गया. गुरुवार को एसीबी उसे विशेष अदालत में पेश कर कस्टडी की मांग करने वाली है।
Sunday, November 24, 2024
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