आदोलन कारी महीला बैठी आमरण उपोशन पर।

पारशिवनी ÷ दहेगाव प्रा आरोग्य केद्र के अर्तगत कार्यरत आशा वर्कर की शिकायतों पर ध्यान नही देने सै आखिर कार बुधवार की सुबह पारशिवनी स्थित गाधी  चौक मै पिडीत आशा वर्करो ने भुक हड़ताल करने  का कदम उठाया।

यहा की गट प्रवर्तक इन आशा वकॅरो का मानधन  रोकना , सुरक्षा किट  मुहैया नही करवाना , बार बा र इन आशा वर्कर को अपमानित करना,  बाहरी वयकती द्रारा नौकरी से निकालने की धमकी देना ,  मिटींग में थोडा देर होने पर गेट के बाहर खडे रखना , अन्य समस्या होते हुये  भी आशा वर्कर अपने काम के प्रति निपटा सै कार्य कर रही थी । पर समु ह प्रवर्तक के रवैये से परेशान  होने सै  मानसिक तनाव मै काम कर रही थी । जब  समु ह प्रवर्तक  कै रवैये से परेशयान इन आशा वर्करो ने विभाग के वरिष्ठ अधिकारी को इसकी लिखित  शिकायत की ।फिर भी अधिकारीयो ने आशा वर्कर की शिकायतो पर धयान नही दीया । ना ही समु ह प्रवर्तक के खिलाफ कारवई की । जिसकी वजह से यहा की आशा वकॅर   मानसिक रुप से परेशयानी मै काम कर रही थी । जब स्थानिक अधिकारी यो द्रारा समु ह प्रवर्तक के खिलाफ कारवाई नही किये जाने सै आखिर कार आशा वर्कर ने  जिलहा परिषद अध्यक्षा रंक्षमी बरवे, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, पालकमंत्री नितिन राउत, जिलहाधिकारी को इस मामले की शिकायत की थी । पर वहा से भी कीसी प्रकार का सहयोग नही मिलने सै आखिर कार यहा की पिडीत आशा वर्कर ने भूख हड़ताल  अनशन करने का फैसला लिया। जो  बुधवार सै पारशिवनी के गाधी चौक मै  भुख  हडताल अनशन सुरु किया गया । जहा आशा वर्कर सुबह सै ही भुके पयासे बैठे है । जब तक यहा की समुह प्रवर्तक का तबादला नही कीया जाता तब तक अनशन जारी रखने की बात पिडीत आशा वर्कर ने कही।

पाडीत आशा वर्कररो ने  शिकायत मै कहा है की हम करोना मरीज  लेखा जोखा रखने का काम करते है । हमे करोना मरीज का ऑकसोमिटर है ऑक्सीजन जा च करनी पडती है । पर हमें यह जा च करने के लिये किसी भी प्रकार की सुरक्षा किट समु ह प्रवर्तक  ने नही दि

जिसकी वजह से हमें भी करोना पाॅझीटिव होने का खतरा है। वही परिवर  के लोगो को भी इस बिमारी की लागन  हो सकती है ।   हम हमारी जान दाव पर रख कर करोण  मरीज की सेवा कर रहै है

पर हमारे लिये कीसी भी प्रकार की सुरक्षा कि इंतजाम समु ह प्रवतॅक  की और सै आशा वर्कर के लिये नही कीया गया । कार्य करने के बाद भी मिलने वाला मानधन भी बेवजह रोका गया है ।  जो हम पर अन्याय करने जैसा है । वही बहोत सै परेशयानी  मै काम करना पड रहा है । जिसकी वजह से मानसिक तनाव मै कायॅ करना पड रहा था । इसलिये हो रहै अन्याय के खिलाफ शिकायत की पर  समुह प्रवर्तक चर  कारवाई नही होने से  आखिर कार भुक हडताल अनषन करना पड रह  है । पिडीत आदोलन कारी आशा वर्कर।  अनषन पर बैठी  पिडीत आशा वर्कर महीला  सै आरोगय  विभाग की और सै कौई भी अधिकारी मिलने नही पहुचा । नाही उनकी मागो को लेकर गंभीर दिखा। वही अनशन कारी महीला को पुलिस विभाग की और सै कीसी प्रकार कि सहयोग   जैसे सुरक्षा की दूष्टी सै कीसी भी महीला शिफाई को तैनात नही किया गया  था।  यहा पर अनशन करने की  अनुमती नही होने की वजह से   पुलिस विभाग की और सै सुरक्षा मुहैया नही की गई।

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