गैंगस्टर अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को रविवार को कसारी मसारी कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया. दोनों की जनाजे की नमाज एक साथ अदा की गई. इस दौरान जनाजे में आए सभी लोगों ने नमाज पढ़ी. अतीक अहमद के दो नाबालिग बेटे और उसकी बहनें कब्रिस्तान में मौजूद रहे. इस बीच, माफिया डॉन अतीक अहमद और अशरफ पर गोली चलाने वाले तीनों हमलावरों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
इससे पहले माफिया-राजनेता पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ के शव रविवार शाम प्रयागराज के कसारी मसारी कब्रिस्तान में कड़ी सुरक्षा के बीच लाये गए. अधिकारी ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद अतीक और अशरफ के शव शाम करीब साढ़े छह बजे कब्रिस्तान लाए गए थे. इस दौरान सुरक्षा के मद्देनजर कब्रिस्तान परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया गया था.
उन्होंने बताया कि मृतकों के दूर के चंद रिश्तेदार ही इस मौके पर मौजूद रहे और कोई भी करीबी रिश्तेदार मौजूद नहीं रहा. रिश्तेदारों के अलावा अन्य लोगों को आधार कार्ड देखकर ही कब्रिस्तान में दाखिल होने दिया गया. उन्होंने बताया कि दोनों शव पहुंचने के बाद उनके अंतिम संस्कार की रस्म में शुरू की गई और इस दौरान कब्रिस्तान में कुछ महिलाएं भी मौजूद रहीं. अंतिम संस्कार में अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन नहीं आर्इं.
पहले बेटे का एनकाउंटर फिर अतीक-अशरफ की हत्या
अतीक के बेटे असद का अंतिम संस्कार शनिवार को किया गया था. इस दौरान भी बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा था. उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की शनिवार देर रात मेडिकल परीक्षण कराकर वापस ले जाए जाते वक्त तीन हमलावरों ने ताबड़तोड़ गोली मारकर हत्या कर दी थी. बीते गुरुवार को अतीक का बेटा असद और उसका एक साथी पुलिस एनकाउंटर में मारा गया था.
यूपी पुलिस को उमेश पाल मर्डर केस में शाइस्ता परवीन की तलाश है और उसके ऊपर योगी सरकार ने इनाम भी घोषित कर रखा है। अंदेशा तब भी जताया जा रहा था कि शाइस्ता अपने बेटे असद के जनाजे में आ सकती हैं, जिसको लेकर प्रयागराज पुलिस भी चौकन्नी थी, लेकिन शाइस्ता अपने बेटे असद के जनाजे में नहीं आईं थी।
पत्नी शाइस्ता परवीन फरार
50 हजार रुपये की इनामी शाइस्ता परवीन फरार है और अतीक के दो बेटे उमर और अली जेल में हैं। उसके दो नाबालिग बेटे पुलिस की कड़ी निगरानी में बाल संरक्षण गृह में हैं। उमेश पाल और दो पुलिसकर्मियों की 24 फरवरी को दिनदहाड़े हत्या के बाद से आरोपियों में छह मारे जा चुके हैं, जिनमें अतीक छठा आरोपी था। उसके पहले अतीक के बेटे असद सहयोगी अरबाज, विजय चौधरी उर्फ उस्मान और गुलाम हसन सहित कुल छह मारे जा चुके हैं।
उमेश पाल हत्याकांड में पहला एनकाउंटर 27 फरवरी को हुआ
उमेश पाल हत्याकांड में पहला एनकाउंटर 27 फरवरी को प्रयागराज में अरबाज का हुआ था। वह कथित तौर पर 24 फरवरी को हत्यारों के वाहन का चालक था। इसके बाद 6 मार्च को फिर से प्रयागराज में उस्मान पुलिस एनकाउंटर में ढेर हो गया। असद और गुलाम को पुलिस ने 13 अप्रैल को झांसी में मार गिराया था। अतीक के अन्य सहयोगी गुड्डू मुस्लिम, अरमान और साबिर फरार हैं, प्रत्येक पर 5 लाख रुपये का इनाम है। दरअसल, अपने बेटे असद और उसके सहयोगी के मारे जाने के एक महीने पहले अतीक ने उमेश पाल हत्याकांड में हिरासत में अपनी सुरक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
क्या पुलिस का सुरक्षा चक्र न के बराबर था?
प्रयागराज। अतीक अहमद और अशरफ के प्रयागराज में हुई हत्या के बाद अब कई तरह के सवाल भी उठ रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल तो यही उठ रहा है कि इतने दुर्दांत अपराधी को पुलिस जब अपनी सुरक्षा घेरे में अस्पताल लेकर जा रही थी तो क्या उसका सुरक्षा चक्र न के बराबर था। अगर सुरक्षा घेरा मजबूत होता तो मीडिया भी अतीक और अशरफ के पास तक न पहुंच पाता। सवाल यह भी उठ रहा है कि जब अतीक अहमद का नेटवर्क खुद पुलिस पाकिस्तान और आईएसआई से जोड़कर देख रही थी तो इतने दुर्दांत अपराधी की सुरक्षा के लिए क्या अन्य सुरक्षा एजेंसियों के जवानों और कमांडो को नहीं लगाया जाना चाहिए था? कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद सवाल उठाते हुए कहते हैं कि आखिर हमले का इनपुट और पुलिस कस्टडी में बाकायदा मीडिया बाइट की व्यवस्था किसने कराई।
तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन
उत्तर प्रदेश सरकार ने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की प्रयागराज में सनसनीखेज हत्या की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया है। आधिकारिक जानकारी के अनुसार, इलाहाबाद हाई कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस अरविन्द कुमार त्रिपाठी द्वितीय की अध्यक्षता में आयोग का गठन हुआ है। पूर्व पुलिस महानिदेशक सुबेश कुमार सिंह और रिटायर्ड जनपद जस्टिस बृजेश कुमार सोनी को बतौर सदस्य आयोग में शामिल किया गया है। आयोग को मामले की जांच के बाद 2 महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपनी होगी।