किसी के भी अयोध्या जाने का हम विरोध नहीं करते. कोई भी वहां जा सकता है. मगर जब राज्य में बेमौसम बारिश का कहर बरपा हुआ है और किसान संकट में फंसा हुआ है, राज्य के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के लिए अयोध्या जाना उचित नहीं है. उनके अयोध्या जाने का यह उचित समय नहीं था.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अनिल देशमुख ने पत्रकारों से संवाद करते हुए यह बात कही.
उन्होंने कहा, विदर्भ, मराठवाड़ा व कोकण सहित राज्य में बेमौसम बारिश ने कहर बरपा रखा है. गेहूं, प्याज, मिरची, नींबू संतरा और आम का भारी नुकासान हुआ है. इसकी भरपाई नहीं हो सकती.
देशमुख ने कहा, खरीफ के बाद रबी का मौसम भी हाथ से निकल गया है. ऐसी परिस्थिति में मजबूर किसानों को सहायता करने के बजाय मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री अयोध्या चले गए हैं. आयोध्या जाने का विरोध नहीं है, मगर यह उचित समय नहीं था.
देशमुख ने कहा, नागपुर में 16 अप्रैल को होने वाली महाविकास आघाडी की वज्रमूठ सभा सफल होगी.
इसके लिए तीनों ही दल काम से लगे हुए हैं.
भाजपा को झटका लगा
उन्होंने कहा, दरअसल संभाजी नगर में हुई सभा के सफल होने से लगे झटके के कारण भाजपा नागपुर की सभा का विरोध कर रही है. मगर हमने नियमानुसार अनुमति ली है. इस मैदान में इससे पूर्व भी अनेक कार्यक्रम हो चुके हैं. सब-कुछ विचार करने के बाद ही सभा-स्थल का चयन किया गया है. इसके चलते भाजपा के आरोपों में कोई दम नहीं है. चाहे कोई भी आंदोलन करे, मगर सभा रद्द नहीं की जाएगी. इस सभा में कांग्रेस, राष्ट्रवादी और शिवसेना तीनों ही घटक दल के दो-दो नेता इसमें भाषण देंगे.
उन्होंने कहा कि कोरोना के संक्रमण से उबर चुके दुग्ध उत्पादक किसानों का विचार कर केंद्र सरकार को दुग्धजन्य पदार्थों का आयात नहीं करना चाहिए. यह मांग राष्ट्रवादी कांग्रेस के अध्यक्ष सांसद शरद पवार ने केंद्रीय पशु व दुग्धमंत्री पुरूषोत्तम रूपाला से पत्र के द्वारा की है.
पवार ने कहा है कि केंद्र सरकार घी और मक्खन जैसे दुग्धजन्य पदार्थों का आयात करने वाली है. इस संबंध में केंद्र सरकार का कोई भी निर्णय स्वीकार करने जैसा नहीं है. केंद्र सरकार को पवार की सुन दुग्धजन्य पदार्थों का आयात नहीं करे. और किसानों को मदद का हाथ बढ़ाए.