नई दिल्ली। (एजेंसी)।
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की सिंघु बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर) पर बैठक संपन्न हो गई है। बैठक में निर्णय लिया गया है कि पूर्व निर्धारित सभी कार्यक्रम समय पर होंगे और उनमें कोई बदलाव नहीं होगा। लंबित मांगों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला पत्र लिखा जाएगा। इस संबंध में एसकेएम की अगली बैठक 27 नवंबर को होगी। प्रधानमंत्री के निर्णय पर राजेवाल ने कहा, यह अच्छा कदम है। हम इसका स्वागत करते हैं। लेकिन अभी कई चीजें अभी बाकी हैं। हम प्रधानमंत्री को खुला पत्र लिखेंगे। उन्होंने कहा कि पत्र में एमएसपी कमेटी, उसके अधिकार, उसका समय काल, उसके कर्तव्य, बिजली बिल 2020, केस वापस लेने आदि मुद्दों का उल्लेख होगा। हम लखीमपुर मुद्दे पर मंत्री (अजय मिश्र टेनी) को बर्खास्त करने पर भी लिखेंगे। बैठक के बाद किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा, ‘हमने कृषि कानूनों के खत्म करने पर चर्चा की। इसके बाद कुछ निर्णय लिए गए। संयुक्त किसान मोर्चा का पूर्व निर्धारित कार्यक्रम योजना के अनुसार रहेगा। 22 को लखनऊ में किसान पंचायत, 26 को सभी बॉर्डरों पर किसानों का घेराव और 29 को संसद तक मार्च। अन्य मांगों को लेकर पीएम को खुला पत्र लिखा जाएगा।’ उन्होंने कहा, ‘आगे की कार्रवाई पर निर्णय लेने के लिए एसकेएम की एक और बैठक 27 नवंबर को होगी। तब उस समय की स्थिति के अनुसार निर्णय लिए जाएंगे।’ इससे पहले गाजीपुर बॉर्डर पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि मैं लखनऊ जा रहा हूं, 22 तारीख को लखनऊ में महापंचायत है। कृषि कानून वापस हुए हैं। हमारे सारे मुद्दों में से केवल एक मुद्दा कम हुआ है, बचे हुए मुद्दे अभी बाकी है। किसानों पर दर्ज़ मुकदमें और जिन किसानों की मृत्यु हुई ये मुद्दे महत्वपूर्ण हैं।
आंदोलन खत्म होने के फैलाए जा रहे भ्रम में न फंसें किसान : राकेश टिकैत
इससे पहले, शनिवार को तीन कृषि कानूनों पर रार खत्म होने के बाद अब किसान नेता राकेश टिकैत न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गारंटी कानून, बिजली अमेंडमेंट बिल और अन्य मामलों पर डट गए हैं। उन्होंने 22 को लखनऊ में होने वाली पंचायत के असमंजस को भी खत्म कर दिया। किसानों से आह्वान किया कि कोई भी सरकार के भम्र में न रहे, क्योंकि किसान आंदोलन खत्म करने को लेकर तेजी से भम्र फैलाया जा रहा है।
29 नवंबर को संसद तक ट्रैक्टर मार्च
एक किसान नेता ने बताया कि दिल्ली बॉर्डर से अभी किसान आंदोलन खत्म नहीं होगा। हमारे पहले से जो कार्यक्रम तय थे, वे अब तय तारीख पर आयोजित होंगे। हम 22 नवंबर को लखनऊ में किसानों की बड़ी रैली होनी है। जबकि 26 नवंबर को किसान आंदोलन का एक साल पूरा होने पर देशभर में रैली निकालेंगे। इसके साथ ही 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद सत्र के दौरान प्रतिदिन 500 प्रदर्शनकारी ट्रैक्टर ट्रॉलियों में सवार होकर संसद तक शांतिपूर्ण मार्च करेंगे।
मुआवजा और किसानों की याद में स्मारक बने
संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से जारी आंकड़े के मुताबिक किसान आंदोलन में अब तक 670 से अधिक किसान जान गंवा चुके हैं। सरकार की ओर से उन्हें श्रद्धांजलि देना तो दूर उनके बलिदान को भी नहीं स्वीकार किया गया। आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के परिजनों को मुआवजा देने, आश्रितों को रोजगार देने सहित उन किसानों के नाम पर एक स्मारक बनवाने की मांग की है।
किसानों पर दर्ज झूठे मामले बगैर शर्त हो वापस
हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, चंडीगढ़, मध्यप्रदेश सहित दूसरे राज्यों में हजारों किसानों को झूठे मामलों में फंसाया गया है। मोर्चा ने उनपर दर्ज मामले रदद् करने की मांग की है। परिवारों को मुआवजे और रोजगार के अवसरों के साथ समर्थन दिया जाना है। शहीदों को भी संसद सत्र में श्रद्धांजलि दी जानी चाहिए और उनके नाम पर एक स्मारक बनाया जाना चाहिए। हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, उत्तराखंड, चंडीगढ़, मध्यप्रदेश आदि विभिन्न राज्यों में हजारों किसानों के खिलाफ सैकड़ों झूठे मुकदमे दर्ज किए गए हैं। सभी मामले बगैर शर्त वापस लेने की भी किसानों ने मांग की है।
मोदी सरकार दोबारा कृषि कानून लाएगी : राज्यपाल कलराज मिश्र
जयपुर। राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि सरकार ने कृषि कानूनों को किसानों को समझाने का प्रयास किया. कोशिश की कि सकारात्मक पक्ष किसानों को समझा देंगे, लेकिन किसान आंदोलित थे. अंत में सरकार को यह लगा कि कानून वापस लेकर, फिर दोबारा कानून इस संबंध में अगर बनाने की जरूरत पड़े तो किया जाएगा.
उत्तर प्रदेश के भदोही जिले के औराई क्षेत्र के बभनौटी गांव में एक वैवाहिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आए मिश्र ने कहा कि कृषि कानून वापस लेने के लिए किसानों की तरफ से आंदोलन होता रहा, जिससे देश में एक विचित्र स्थिति पैदा हो गई थी जो अब खत्म हो जाएगी. उन्होंने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा को सकारात्मक दिशा में उठाया गया कदम बताया.
किसानों के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएं : प्रियंका
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वॉड्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शनिवार को पत्र लिख कर मांग की कि वह लखीमपुर की घटना के मामले में पीड़ितों को न्याय दिलाएं और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करें. प्रियंका ने मांग की कि देशभर में किसानों के खिलाफ दर्ज हुए मुकदमों को वापस लिया जाये और सभी ‘शहीद’ किसानों के परिवारों को आर्थिक अनुदान दिया जाये. कांग्रेस महासचिव ने कहा कि लखीमपुर हिंसा में किसानों के साथ हुई क्रूरता को पूरे देश ने देखा है.