नागपुर।(नामेस)।
एक बार अपराध दर्ज हो जाने के बाद पुलिस का काम खत्म नहीं होता. इसके आगे दोष को साबित करना पुलिस की कर्तव्यदक्ष का प्रमाण माना जाता है. इसलिए अपराधों की जांच इस तरह से करें कि दोषसिद्धि की दर बढ़े. राज्य के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने शुक्रवार को राज्य पुलिस को निर्देश दिये. वे नागपुर पुलिस मुख्यालय में राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में बोल रहे थे.बैठक में उन्होंने नागपुर और गढ़चिरोली पुलिस बलों के कामकाज की समीक्षा की. उन्होंने बैठक में कहा कि मामला दर्ज करते समय पुलिस को घटना पर कड़ी नजर रखनी चाहिए और अंतिम रूप से अपराधी को खोजने पर ध्यान देना चाहिए. एक बार अपराध हो जाने के बाद, अपराधियों के मन में डर होना चाहिए कि वे कानून से बच नहीं पाएंगे. पुलिस पर हमला करने वालों को कतई माफ नहीं करना चाहिए. बैठक में विशेष पुलिस महानिरीक्षक डॉ. छेरिंग दोरजे, दोनों परिक्षेत्र के सभी पुलिस अधीक्षक उप पुलिस उपअधीक्षक समेत अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की उपस्थिति रही.गृह मंत्री ने स्पष्ट किया कि विभाग में अवैध व्यापार पर अंकुश लगाने के लिए अगले 2 महीने में काम किया जाए. पिछले कुछ सालों में दुष्कर्म और लूटपाट की घटनाओं में इजाफा हुआ है. यदि प्रत्येक जिले के जिला पुलिस अधीक्षक निर्णय लें तो जिले में अपराध कम हो सकते हैं. स्कूलों और कॉलेजों में मादक द्रव्यों का सेवन बढ़ रहा है, यह चिंताजनक है. नई पीढ़ी को विश्वास में लेने की जरूरत है.
मुंबई के संपर्क में रहे गढ़चिरोली पुलिस
वलसे पाटिल ने गढ़चिरोली परिक्षेत्र की विशेष समीक्षा करते हुए जिला पुलिस अधीक्षक को क्षेत्र में पुलिस सुविधाओं के संबंध में लगातार मुंबई के संपर्क में रहने का निर्देश दिया. उन्होंने सुझाव दिया कि गढ़चिरोली रेंज की मांग और आपूर्ति की हर 2 महीने में समीक्षा की जाए. इस जिले के युवा किसी भी हाल में नक्सल आंदोलन की ओर न मुड़ें यह सुनिश्चित किया जाए. उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार इसके लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए तैयार है.
हर जिले में हो एक महिला थाना
राज्य गृह मंत्री ने कहा कि महिलाओं के संदर्भ में बढ़ते अपराधों, घटनाओं और दोषों को अधिक गलत तरीके से प्रस्तुत किया जाता है. उन्होंने हर जिले में पूरी तरह से महिलाओं द्वारा संचालित एक पुलिस स्टेशन स्थापित करने के भी निर्देश दिए ताकि पुलिस की भूमिका के बारे में सही संदेश दिया जा सके.